Thursday 29 December 2016

कंटक मग पर बहती सरिता

कंटक मग पर बहती सरिता सबको निर्मल जल मिलताहैं 
पत्थर चोट सहे पर फिरभी हमे वि तव से फल मिलता हैं 
जो पर हित में रहते तत्पर .उनका ही भविष्य उज्वल हैं 
भला करो तो लाभ मिलेगा ,इसका फल प्रति पल मिलता हैं

बहता पानी स्वच्छ ओर निर्मल

बहता पानी स्वच्छ ओर निर्मल होता है आगे 
बढने का प्रयास प्रतिपल होता है 
सागर कब किसको मिठास दे पाया जग में 
ठहरे पानी में अक्सर दलदल होता है

एक चिंगारी

एक चिंगारी बहुत है घर जलाने के लिए 
एक रुसबाई बहुतहै गम बढ़ाने के लिए 
बूद पानी की बहुतहै प्यास बुझने के लिए 
सुखद घटना ही सही है गम भुलाने के लिए

Tuesday 27 December 2016

भरने को पेट एक दिन

भरने को पेट एक दिन ,उसे रोटी खिलाइए 
कल कैसे कमाएरोटी इसको सिखाइए 


डा हरि मोहन

फासला घट जाएगा , हमदम बनाओ

फासला घट जाएगा , हमदम बनाओ
हो सके तो तुम किसी का ग़म मिटाओ
शान्ति सुख पा जाओगे यह देखना तुम
बस किसी के घाव पर मरहम लगाओ
डॉ. हरिमोहन गुप्ता