Saturday 31 March 2018

अंधे देखें कृपा से, मूक बनें वाचाल

अंधे देखें कृपा से, मूक बनें वाचाल,
 राम कृपा से पंगु भी,गिरिवर चढ़ें विशाल l
 जिसकी जैसी भावना, वैसे उसके राम,
 श्रृद्धा हम उन पर करें,बिगड़े बनते काम l

Friday 30 March 2018

भक्त शिरोमणि राम हैं, सदा भक्त पर नेह

भक्त शिरोमणि राम हैं, सदा भक्त पर नेह,
तुम भी भज लो राम को, मानो निस्संदेह l
राम मर्म को जानिये, आयेगा आनन्द,
पुलकित तन मन हो सदा,छूटेगा छ्लछ्न्द l

Wednesday 28 March 2018

पौरुष शक्ति समर्थ जो,क्षमा रहे यदि पास

पौरुष शक्ति समर्थ जो,क्षमा रहे यदि पास,
निर्धन हो पर दान दे ,ईश्वर का वह ख़ास l
सदा ऐक रस ही रहे, भय हो फिर प्यार,
हानि,लाभ,जीवन,मरण, सब उसके अनुसार l

Tuesday 27 March 2018

अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ

अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,
पाया उसने परम पद, हुआ यही चरितार्थ l
तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,
करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l

Monday 26 March 2018

सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी

सत्यं शिवं सुन्दरम की गूंजी है वाणी,
सत्यमेव जयते की हमने पढ़ी कहानी,
ऐक झूठ सौ बार कहें क्या सच हो सकता,
सच तो सच है, यही बात जानी पहिचानी l

Sunday 25 March 2018

सत्य निष्ठा राम में होना जरूरी है

सत्य निष्ठा राम में होना जरूरी है,
यदि समर्पण भाव है, तो फिर न दूरी है l
छल,कपटव्यवहार,निन्दा यदि रही मन में,
चाह कर भी साधना रहती अधूरी है l

Saturday 24 March 2018

राम नवमीं पर विशेष


अगर कामना मोक्ष की, या चाहो सुरधाम,
 वह तुमको मिल जायगा, प्राणी जप तू राम l
 काम सभी हों राम संग, पूजा हो निष्काम,
 राम नाम हो उच्चरित, मुख से आठों याम l

Thursday 22 March 2018

इष्ट सभी के ऐक हैं, विविध उन्हीं के नाम

इष्ट सभी के ऐक हैं, विविध उन्हीं के नाम,
लेकिन मुझको प्रिय लगा, दशरथ नन्दन राम l
राम नाम इक मन्त्र है, इसे जपो दिन रैन,
बाधाएँ कट जांयगी, तुम्हें मिलेगा चैन l

Wednesday 21 March 2018

कवि का यदि स्तर गिरा,घट जाता सम्मान

कवि का यदि स्तर गिरा,घट जाता सम्मान,
मात्र प्रशंसा से नहीं, हो सकता कल्याण.

Tuesday 20 March 2018

‘बसन्त’ गेहूँ की बाल देख, सबने सुख पाओ है

‘बसन्त’ गेहूँ की बाल देख, सबने सुख पाओ है,
सरसों जो फूल रही, चेहरा मुस्काओ है.
कोयल की कू कू सुन, आम बोराओ है,
होरी मनाबे खों, बसन्त आज आओ है.

Monday 19 March 2018

तन सुखी रहता सदा जग रीत से

तन सुखी रहता सदा जग रीत से,
 मन सुखी जो हार बदले जीत में,
 है लड़ाई आज भी, जग में यहाँ,
 लड़ सकें कैसे यहाँ अन रीत से l

Saturday 17 March 2018

नहीं अर्थ इसका कुछ होता, मैंने कितना खाया

नहीं अर्थ इसका कुछ होता, मैंने कितना खाया,
सार्थक यह माना जायेगा, कितना गया पचाया l
यह महत्व की बात नही है, कितना यहाँ कमाया,
इसका यहाँ महत्व अधिक है, सच में क्या बच पाया l
महत्व पूर्ण यह नहीं कि जीवन, कितना बीत गया है,
महत्व पूर्ण यह ही होता है, कैसे जिया गया है l

Friday 16 March 2018

कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता

कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता
केवल वाणी के ही बल पर,
सम्मोहित सारा जग करता,
सीधी, सच्ची, बातें कह कर,
मर्म स्थल को वह छू लेता आकर्षित हो जाते जन जन,
भावों में भरती है दृढ़ता l

Thursday 15 March 2018

सेवा भाव समर्पण ही बस, मानव की पहिचान है

सेवा भाव समर्पण ही बस, मानव की पहिचान है, 
जिसको है सन्तोष हृदय में, सच में वह धनवान है l 
यों तो मरते,और जन्मते,जो भी आया यहाँ धरा पर, 
करता जो उपकार सदा ही, पाता वह सम्मान है l

Thursday 8 March 2018

उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास

उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास,
नहीं दूर वह आपसे, वह तो रहता पास.
हिल मिल कर जो रह सके, मिल जुल कर जो खात,
उसको प्रभु की ओर से, मिली सदा सौगात.

Tuesday 6 March 2018

भगवान राम के प्रति

योग,यज्ञ,जप,तप सभी, व्यर्थ उपाय तमाम,
 बिना परिश्रम किये ही, मिल सकते श्री राम.
 भाँग, तमाखू, सूरा का, उतरे नशा प्रभात,
 राम नाम का नशा है, जो रहता दिन रात.

Monday 5 March 2018

राजनीति में हर जगह, हावी है अब स्वार्थ

राजनीति में हर जगह, हावी है अब स्वार्थ,
तुम हमको,हम तुम्हें दें,क्या यह है परमार्थ.
कार्य समीक्षा कर रहे,आत्म प्रशंसा गान,
पाया कितना बीच में, इसका करो बखान.

Sunday 4 March 2018

आपस में मिल बैठिये,मन मुटाव हो दूर

आपस में मिल बैठिये,मन मुटाव हो दूर, 
तो होली सार्थक रहे, मद हो चकनाचूर. 
रंग, बिरंगी हो रही, सतरंगी बौछार, 
अमिट छाप यह प्रेम की,द्वेष रहें निस्सार.

Saturday 3 March 2018

होली पावन पर्व है, रहे न यह भदरंग

होली पावन पर्व है, रहे न यह भदरंग,
सुन्दरता इसकी बढे, भर दें ऐसे रंग,
फूलों की होली मने, बृज की बने मिसाल,
प्रेम,दया,सौहार्द ही, दिखना है हर साल.

Friday 2 March 2018

स्नेह और सदभाव का, माथे लगे गुलाल

स्नेह और सदभाव का, माथे लगे गुलाल,
प्रेम रंग ऐसा लगे, सब हो जाँय निहाल.

Thursday 1 March 2018

सरसों फूली खेत में, न्योता देत बसन्त

सरसों फूली खेत में, न्योता देत बसन्त,
धानी धरती देख कर, दुख का होता अन्त.
ऋतु बसन्त में देखिये, कामदेव का काम,
सब चाहें प्रिय संग हो, बिन प्रिय सभी अकाम.