Tuesday 30 October 2018

मिले सफलता,


बारम्बार प्रयास करो  तो, मिले  सफलता,
चिंता और निराशा  छोडो, गई  विफलता.
असफलता से विमुख न हो,संघर्ष करो तुम,
जब अवसर अनकूल,प्रगति पर चलता जीवन |

Monday 29 October 2018

लड़ सकें कैसे यहाँ अनरीत से,


तन सुखी रहता सदा जग रीत से,
मन सुखी जो हार बदले जीत में,
है लड़ाई आज भी, जग में यहाँ,
लड़ सकें कैसे यहाँ अन रीत से l

Thursday 25 October 2018

बेबसी


मुँह जुंबा हो बन्द वे ताले मिले,
बाद मेहनत हाथ को छाले मिले.
भूख से  तरपें नहीं  बच्चे  मेरे,
आबरू बेची, तब  निवाले  मिले |

Tuesday 23 October 2018

सदा सफलता चरण चूमती,


सदा सफलता चरण चूमती, हार न मानो,
सम्बन्धों को जीवन में व्योपार न मानो.
चरैवेति ही जीवन का सिध्दान्त सदा से,
कठिन परिश्रम को जीवन में भार न मानो |

Friday 19 October 2018

रावण,


 रावण
ईर्ष्या,द्वेष,दम्भ धरा अगर रहेंगे,
तो फिर अहंकार का रावण यहीं रहेगा |
शोषण, अनाचार से जो लंका बसायगा,
व्यक्ति स्वयं ही अपना कोष भरेगा |
     पौराणिक आख्यान भले ही कथा सार हो,
     यदि यह दुर्गुण हैं समाज में, तो यह मानो,
     अब भी रावण जन्मेगा, हर युग में, सुन लो,
     अनन्तकाल काल तक जीवित होगा,यह भी जानो |
केवल रावण के पुतले को यहाँ जला कर,
सोचें हम, अब हर बुराई ही मिट जायेगी,
ऐसा भ्रम यदि हम पालेंगे, मिथ्या भ्रम है,
जिन्दा बना रहेगा, जनता  बस पछताएगी |


Tuesday 16 October 2018

करो मेहनत,


तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,
देश की  हो  सहज सेवा,  धर्म  होता  है  हमारा |
एक जुट हो कर  करेंगे, फल तभी  हमको मिलेगा,
है यही उद्देश्य सबका, हो,  प्रगति  ढूढें  किनारा |

Monday 15 October 2018

सलाह,

 यात्रा पर जब जा रहे , कुछ बन जाते ढाल,
            नाम, पता,कुछ फोन के, नम्बर रखें सँभाल

              हस्ताक्षर ही  तब  करें, पढ़े  उसे  इक बार,
              नहिं विचार इस पर किया, पछताओ हर बार |
 निर्णय लेना बाद में, हट  जाये  जब क्रोध,
निश्चित दुखदायी सदा, मानो यह अनरोध |
                    

Sunday 14 October 2018

काम की बातें


आप प्रशंसा तो करें, जिससे हो तकरार,
बस प्रभाव तब देखिये, माने वह उपकार |
           क्षमा करें इक बार ही, किन्तु नहीं दो बार,
           दया व्यर्थ हो जायगी, क्षमा किया हर बार |

Saturday 13 October 2018

काम के दोहे,


           घर में  यदि व्यंजन बने, रखो  पड़ोसी ध्यान,
           सुख मिलता है सौ गुना, बनती निज पहिचान |
मन में आये माँग कर, वाहन सुख का ख्याल,
ईधन  पूरा  भरा  कर,   लौटाओ   तत्काल |

Thursday 11 October 2018

जीवनोपयोगी बातें,

सब बुराई ही खोजते,अच्छा देखें आप,
              उसका प्रतिफल देखिये, पड़े अनूठी छाप |
जब बुराई हम देखते, मन में हो संताप,
               अच्छाई  तो  देखिये,  बड़े  बनेगें  आप | 

Sunday 7 October 2018

काम की बातें,


कुछ बातें हैं काम की, इनको करिये रोज,
उनका फल फिर देखिये, आप मनाएं मौज.
         कुछ मित्रों के जनम दिन, अगर आपको याद,
          उसे  याद उस दिन करें,  वह भी देगा दाद.