Tuesday 19 February 2019

चेतावनी


      नंगे, भूखे, झूठे, हो तुम, तुमको  धूल चटाना है,
   तवारीख के  पन्नों से बस, तेरा  नाम हटाना है |
   पूरा विश्व थूंकता तुमपर, पुलवामा का हस्र देखना,
   अब तो जंग जरूरी है  बस, पाकिस्तान मिटाना है |


Thursday 14 February 2019

बेलेन्टाइन डे


   बेलेन्टाइन डे

बेलेन्टाइन डे  मना, हो  गई  उनसे  भूल,
एक अपरचित को दिया, बस गुलाब का फूल |
            उनसे बोली वह प्रिये, बैठो मेरे पास,
            बेलेन्टाइन डे रहा, होना है कुछ ख़ास |
चलो चलें होटल प्रिये , बैठेंगे एकान्त,
बातें होंगी प्यार की, मन भी होगा शांत |
            नोट हजारा  चढ़ गया, बस  उसके  ही नाम,
            क्या करता वह विवश था, उसका काम तमाम |
घर आ कर वह सोचता, कहां हुई वह भूल,
क्यों मैंने उसको दिया, वह गुलाब का फूल |
             यद्यपि बिगड़ा था बजट, किन्तु फरवरी मास,
              दो दिन कम थे मास में, अब होता आभास |
मार्च अगर होता कहीं, तो उड़ जाते होश,
तंगी रहती तीन दिन, ठंडा  होता  जोश |


Wednesday 6 February 2019

मतदान


कितनी भी कठनाई  हो, मिले नहीं आराम,
चुनना प्रतिनिधि है हमें, लें धीरज से काम.
                 बार बार समझा रहे, यह पुनीत  है काम,
                 हम विवेक से काम लें, होगा जग में नाम.
कोई भाषी  हम  रहें, ऐक  समूचा देश,
बिना प्रलोभन से करें,लोभ नहीं लवलेश.
                हम भारत के नागरिक, लोकतन्त्र पहिचान,
                आस्था रक्खें हम सभी, अपना बना विधान.
इसीलिये  समझा रहे, रक्खें  बुद्धि, विवेक,
सोच समझ कर वोट दें, जो चरित्र से नेक.
                हो स्वतन्त्र,निष्पक्ष तो, सफल रहे अभियान,
                मन देना  अनिवार्य  है, तभी  रहेगा  मान.
वोट डालने  से  यहाँ, बनती  है  सरकार,
चुन कर भेझें हम उन्हें,गुणी योग्य दमदार.
                मतदाता जाग्रत अगर, सुद्दढ बने सरकार,
                उदासीन हम  हो गये, होगा कष्ट अपार.
भृष्टाचारी यदि चुनें, तो बिगड़ेगा काम,
सालों तक  हम रोंयगे, वे  जोड़ेंगे दाम.
                 ऐसी हो  जन भावना, जाएँ  अच्छे  लोग,
                 जन प्रतिनिधि समझें हमें,तो होगा उपयोग.


Sunday 3 February 2019

मतदान


  “मतदान”
मतदाता यह जान लें, आवश्यक मतदान,
प्रजातन्त्र रक्षित  रहे, बने  यही पहिचान.
             जाग्रत करना सभी को, तब होगा कल्याण,
             निर्णय लेना है  यही, रखना  उसका मान.
है चुनाव आयोग की, सबसे यही अपील,
वोट यहाँ बहुमूल्य है, कोई  नहीं दलील.
              भारत में इस वोट से, बनती है सरकार,
              सोचें समझें हम सभी, तो  होगा उद्धार.
जनता ही चुनती यहाँ, जनता की सरकार,
जनता जिम्मेदार  है, चुनना  है अधिकार.
               धर्म, जाति को छोड़ कर, हो कर हम निर्भीक,
               वर्गवाद, भाषा  नहीं,  छोड़े   सारी    लीक.
निर्वाचन में हम करें, शान्ति पूर्ण मतदान,
गरिमा अक्षणु देश की, परम्परा को मान.
               करना है  मतदान को, छोड़  जरूरी काम.
               यह भी आवश्यक बहुत, लोकतन्त्र के नाम.
कितनी भी कठनाई  हो, मिले नहीं आराम,
चुनना प्रतिनिधि है हमें, लें धीरज से काम.
                 बार बार समझा रहे, यह पुनीत  है काम,
                 हम विवेक से काम लें, होगा जग में नाम.
कोई भाषी  हम  रहें, ऐक  समूचा देश,
बिना प्रलोभन से करें,लोभ नहीं लवलेश.