Sunday 31 March 2024

 हो स्वतन्त्र,निष्पक्ष तो, सफल रहे अभियान,

         मत देना  अनिवार्य  है, तभी  रहेगा  मान |

 

     वोट डालने  से  यहाँ, बनती  है  सरकार,

     चुन कर भेझें हम उन्हें,गुणी योग्य दमदार |

 

   

Saturday 30 March 2024

 

 इसीलिये  समझा रहे, रक्खें  बुद्धि, विवेक,

     सोच समझ कर वोट दें, जो चरित्र से नेक |

 

         हो स्वतन्त्र,निष्पक्ष तो, सफल रहे अभियान,

         मत देना  अनिवार्य  है, तभी  रहेगा  मान |

 

Friday 29 March 2024

 

 कोई भाषी  हम  रहें, ऐक  समूचा देश,

      बिना प्रलोभन से करें,लोभ नहीं लवलेश.

 

         हम भारत के नागरिक, लोकतन्त्र पहिचान,

          आस्था रक्खें हम सभी, अपना बना विधान |

Thursday 28 March 2024

 

कितनी भी कठनाई  हो, मिले नहीं आराम,

      चुनना प्रतिनिधि है हमें, लें धीरज से काम |

 

         

                        बार बार समझा रहे, यह पुनीत  का  काम,

             हम विवेक से काम लें, होगा जग में नाम.

Tuesday 26 March 2024

 

होली

लिये सस्नेह हाथों में,

लगाओ प्रेम का टीका,

जला कर बैर होली में,

बढाओ प्रीति पावन तुम |

बढ़ें नजदीकियाँ हम में,

रहे उत्साह सबके मन,

फिलें चेहरे, प्रफुल्लित मन,

भुलादें भेद सारे हम |

नहीं शिकवे शिकायत हों,

गले मिल जाँय हम सबसे,

विनय है ईश से मेरी,

हमें सद बुद्धि ऐसी दे |

गले मिल जाँय हम सबसे,

 नहीं हो कोई मन में भय,

नहीं शिकवे शिकायत हो,

   मने त्यौहार मंगलमय |

रहे अब भाई चारा ही,

 मनायें आज पावन पर्व,

   सदा हों आप हर्षित मन,

    सफल हो आप से परिचय |

                                  पावनपर्व पर शुभ कामनाएं    डा. हरिमोहन गुप्त 

Sunday 24 March 2024

 निर्वाचन में हम करें, शान्ति पूर्ण मतदान,

       गरिमा अक्षणु देश की, परम्परा को मान |

    

                   करना है  मतदान को, छोड़  जरूरी काम.

            यह भी आवश्यक बहुत, लोकतन्त्र के नाम |

  

Saturday 23 March 2024

 

 जनता ही चुनती यहाँ, जनता की सरकार,

    जनता जिम्मेदार  है, चुनना  है अधिकार  

 

            धर्म,जाति को छोड़ कर,हो कर हम निर्भीक,

             वर्गवाद, भाषा  नहीं,  छोड़े   सारी  लीक |

 

Friday 22 March 2024

 

  है चुनाव आयोग की, सबसे यही अपील,

    वोट यहाँ बहुमूल्य है, कोई  नहीं दलील |

 

             भारत में इस वोट से, बनती है सरकार,

             सोचें समझें हम सभी, तो  होगा उद्धार |

Thursday 21 March 2024

        “मतदान”

     मतदाता यह जान लें, आवश्यक मतदान,

     प्रजातन्त्र रक्षित  रहे, बने  यही पहिचान.

 

           जाग्रत करना सभी को, तब होगा कल्याण,

            निर्णय लेना है  यही, रखना  उसका मान |

  

Wednesday 20 March 2024

 

 सास बहू में हो रही, अब तो नित तकरार,

       पुत्र तुम्हारा है कहाँ,  पति  अब  दावेदार l

 

                दोनों में कोई नहीं, झुकने को तैयार,

                पिता,पुत्र भी मौन हैं, देख रहे हैं रार l

  

Tuesday 19 March 2024

 

बंटबारा ऐसा किया, हुई परिस्थिति दास,

             माता रक्खें आप ही, पिता  हमारे पास l

 

     पास पड़ोसी कह रहे, देख  हमारे ढंग,

       देखो इनके भी हुये, चेहरे अब भदरंग l

Monday 18 March 2024

तार तार ही हो रहे, अब सितार के तार,

             ऐसे घर  भी कलह से, हो  जाता बेजार l

 

     मात, पिता को बाँटते, कैसे  हो निर्वाह,

     कैसे हम रह पायंगे, कहाँ गई वह चाह lतार तार ही हो रहे, अब सितार के तार,

             ऐसे घर  भी कलह से, हो  जाता बेजार l

 

     मात, पिता को बाँटते, कैसे  हो निर्वाह,

     कैसे हम रह पायंगे, कहाँ गई वह चाह 

             lतार तार ही हो रहे, अब सितार के तार,

             ऐसे घर  भी कलह से, हो  जाता बेजार l

 

     मात, पिता को बाँटते, कैसे  हो निर्वाह,

     कैसे हम रह पायंगे, कहाँ गई वह चाह 

             lतार तार ही हो रहे, अब सितार के तार,

             ऐसे घर  भी कलह से, हो  जाता बेजार l

 

     मात, पिता को बाँटते, कैसे  हो निर्वाह,

     कैसे हम रह पायंगे, कहाँ गई वह चाह l 

Sunday 17 March 2024

 

 भाई ,भाई से लड़ें, अलग अलग  हों द्वार,

     अपना घर बंट जाय तो ,कब रहता है प्यार l

 

         कल तक सबमें प्रेम  था, आदर  था सदभाव,

         अलग अलग अब हो गये, बदले सभी स्वभाव l

Saturday 16 March 2024

 

            कभी दीन के संग भी, भोजन हो स्वीकार,

             आप आत्म सुख पायगें, बहे नेह की धार.

 

      जमा समय से बिल करो, रहो समय पाबन्द,

      पाँच मिनट आगे  घड़ी,- रखो रहो  सानन्द.

 

Friday 15 March 2024

  आधी रोटी  खाइये, रहे  इरादा  नेक,

     तो पूरी तुम खावगे, आडम्बर तो फेक l

 

            तड़क भड़क के दौर में, केवल झूठी शान,

             है दुकान  में  भव्यता, पर फीके पकवान l

 

 

Thursday 14 March 2024

                               स्वच्छ वस्त्र पहिनो सदा, आसन भी हो स्वच्छ,

               बस सुगन्ध हप पास में, स्वच्छ सदा हो कच्छ |

    

     बच्चों के संग खेलिये, इतना रखिये ध्यान,

      उन्हें जिताओ हार कर, सदा बढ़ेगा मान |

       

Wednesday 13 March 2024

आधी रोटी  खाइये, रहे  इरादा  नेक,

     तो पूरी तुम खावगे, आडम्बर तो फेक l

 

            तड़क भड़क के दौर में, केवल झूठी शान,

             है दुकान  में  भव्यता, पर फीके पकवान 

Tuesday 12 March 2024

 

अगर  उपेक्षा बड़ों की, होगा पश्चाताप,

               समुचित आदर करोगे, तो छोड़ोगे छाप |

 

      वृद्धापन सुख से कटे,घर में रहिये मौन,

      आये, जाये कोई भी, नहीं पूछिए कौन l

Monday 11 March 2024

 

 वृद्धापन सुख से कटे,घर में रहिये मौन,

      आये, जाये कोई भी, नहीं पूछिए कौन l

 

          जिह्वा सुख को त्यागिये, कम ही चखिए नोंन, 

           रोटी में  सन्तोष  हो,  आधी  हो  या  पोंन l

 

Sunday 10 March 2024

              सभी  तीर्थ  पावन  यही, यही  हमारे  धाम,

                किसी युक्ति कुरसी मिले, तब मिलता आराम l                  

 

      सरे आम  होने  लगी,  हत्या,  लूट, घसोट,

      हिस्सा बंटता पुलिस में, कुछ शाशन की ओट l   

Saturday 9 March 2024

 

जोड़ तोड़ में अनुभवी, कहें चाहिये  नाम,                                            अवसर वादी के सदा, बनते काम तमाम l

 

        यही सोच अब बन रही, दाम करें सब काम,

         वोट खरीदें  सभी  दल, तभी  मिले आराम l

Friday 8 March 2024

                                     कोई विधि अपनायंगे, रीत गहें अनरीत,

                  आबादी मरती रहे, जो  अपने, सो मीत l

 

        वही सिर्फ अपने यहाँ, गाए जो भी गीत,

        पार्टी मुखिया हमीं हैं, यह ही है जगरीत l      

Thursday 7 March 2024

 प्रजा तन्त्र में अब यहाँ, सुनता कौन पुकार,

     आपा धापी  हो  रही, मचता  हाहा  कार l

 

            सरे आम अब  हो  रहा, गुंडों  का उत्पात,

            शासन तक उनकी पँहुच, कोन करे अब बात l 

Wednesday 6 March 2024

 घर  के  भीतर बैठकर, व्यर्थ  मचाते शोर,

      इस पर मंथन तो करो, भारत क्यों कमजोर l                   

 

              प्रजातन्त्र पलता यहाँ, सभी इरादे  नेक,

              मानवता के नाम पर, नहीं हो सके ऐक l

 

     प्रजा तन्त्र में अब यहाँ, सुनता कौन पुकार,

     आपा धापी  हो  रही, मचता  हाहा  कार l

 

            सरे आम अब  हो  रहा, गुंडों  का उत्पात,

            शासन तक उनकी पँहुच, कोन करे अब बात l   

 

     गाली  आभूषण  बनी, उनकी  है  सरकार,

     किसकी हिम्मत आ सके, बीच बात तलवार l                

 

               भला चाहते  दीजिये, हफ्ता गुण्डा टेक्स,

               दान पात्र में डालिये, होना अगर रिलेक्स l     

 

        सब प्रदेश अब जल रहे, दंगा है अब आम,

        लोक सभा को जीतना, उससे हम को काम l

 

                कोई विधि अपनायंगे, रीत गहें अनरीत,

                  आबादी मरती रहे, जो  अपने, सो मीत l

 

        वही सिर्फ अपने यहाँ, गाए जो भी गीत,

        पार्टी मुखिया हमीं हैं, यह ही है जगरीत l

 

       

Tuesday 5 March 2024

  विषय भोग छोड़ें सभी, पर करते उपयोग,

              इसे जानते हैं  सभी, किसे दोष दें  लोग.

 

       घर  के  भीतर बैठकर, व्यर्थ  मचाते शोर,

      इस पर मंथन तो करो, भारत क्यों कमजोर l 

Monday 4 March 2024

 

राजा को अभिमान यदि, ज्ञानी को यदि मान,

       तो प्रसिद्धि घटती सदा, कवि का है सम्मान | 

 

            कवि का यदि स्तर गिरा, घट जाता सम्मान,

            मात्र प्रशंसा से  नहीं, हो  सकता  कल्याण.

Sunday 3 March 2024

 

 छोटी के  आगे बड़ी, खीचें  सही लकीर,

                यों विकास के रंग भरें, सुन्दर हो तस्वीर l

 

      ऐक दूसरे पर  यहाँ, छींटा  कसते रोज

      जनता यों ही देखती, सभी मनाते मौज l

 

Saturday 2 March 2024

 

             झूठ फरेबी सब करें, छोड़ें  शिष्टाचार,

              चापलूस बन कर वही, करते भ्रष्टाचार l

 

      मन्दिर मस्जिद में बँटे रहे, अपनापन है दूर,

      मानवता के नाम पर, सब कुछ चकनाचूर

Friday 1 March 2024

 मितव्यता संग योजना, रहें व्यवस्थित काम,

      भले समृद्धि न पा सके, पाता सुख का धाम |

 

            साधन यदि हैं श्रेष्ठतम, मुश्किल हटें तमाम,

             नैतिकता  का  बल रहे, ऊँचा  होता  नाम |