Saturday 15 May 2021

मुक्तक

                सेवा भाव समर्पण  ही बस, मानव की पहिचान है,

              जिसको है सन्तोष हृदय में, सच में वह धनवान है l

             यों तो मरते,और जन्मते,जो भी आया यहाँ धरा पर,

              करता  जो उपकार सदा  ही, पाता  वह सम्मान है l


 

बारम्बार प्रयास करो  तो, मिले  सफलता,

चिंता और निराशा  छोडो, गई  विफलता.

असफलता से विमुख न हो,संघर्ष करो तुम,

जब अवसर अनकूल,प्रगति पर जीवन चलता |

                 जब प्रताड़ित  हो  कभी  संघर्ष  में,

                 या  निराशा  हो  खड़ी  उत्कर्ष  में,

                 हर विफलता से न विचलित हो कभी,

                 तो  सफलता  भी  मिले अपकर्ष में |


Friday 14 May 2021

मुक्तक

 

           तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,

          देश  की  हो  सहज  सेवा, धर्म  होता  है  हमारा |

           एक जुट हो  कर  करेंगे, फल तभी  हमको मिलेगा,

           है  यही  उद्देश्य  सबका, हो  प्रगति  ढूंढें किनारा |

 

  अगर चाहते  प्रगति, बड़ों से  खुद  को जोड़ो,

  काम आज का आज, नहीं कल पर तुम छोडो |

  पूरा  जीवन  पड़ा  हुआ  है, कल   कर लेंगे,

  यही  भाव   रोड़ा  बनता  है,  उसको  मोड़ो |

Wednesday 12 May 2021

 

                   राह  कटीली  बहुत है, पग पग पर अवरोध,

                      राम भजन से सुगम है,  यह मेरा अनुरोध l

माया मय संसार  है, जाग्रत होता मोह,

राम भजन से छूटता, कैसा भी हो द्रोह l