Friday 24 March 2023

 

जो दिल में था, कागज पर उतारा कवि ने,

मिटे हये  हर  नक्श को  उभारा कवि ने.

इस संसार   को   श्री राम  ने सँवारा पर,

इस धरा पर श्री राम  को  सँवारा कवि ने.

 

वही लेखनी धन्य  हो सकी, सार  तत्व जिसने दे डाला,

स्वाभिमान कवि का जिन्दा है, उसने अपने व्रत को पाला |

सजग देखता और जगाता, वह ही कुछ कह पाता जग से,

बंद कपाट किये  बैठे  जो, उनका  भी  खुल जाता ताला |

 

 

जो दिल में था, कागज पर उतारा कवि ने,

मिटे हये  हर  नक्श को  उभारा कवि ने.

इस संसार   को   श्री राम  ने सँवारा पर,

इस धरा पर श्री राम  को  सँवारा कवि ने.

 

वही लेखनी धन्य  हो सकी, सार  तत्व जिसने दे डाला,

स्वाभिमान कवि का जिन्दा है, उसने अपने व्रत को पाला |

सजग देखता और जगाता, वह ही कुछ कह पाता जग से,

बंद कपाट किये  बैठे  जो, उनका  भी  खुल जाता ताला |

 

Thursday 23 March 2023

 

आबरू इसमें    खींचे फिर कोई चोटी,

भाग्य है जो जी सकूँ बस जिन्दगी छोटी.

पाप परिभाषित  करूँ  सामर्थ  के बाहर,

पुण्य है जो मिल सके दो वक्त की रोटी.

Tuesday 21 March 2023

 

मीठी बातें बगल छुरी  का  यही अर्थ है,

मिले  अनादर, तिरिस्कार होता अनर्थ है.

घुटनों के बल चले,किसी को वह ललकारे,

बन्दर घुड़की सुनी, सोच लो सभी व्यर्थ है.

 

 

ऊँचा  हो  आदर्श हमारा, लोग  करेंगे  तभी  अनुकरण,

सत्य अहिंसा को अपनाएँ, सारा जग कर सके अनुशरण l

द्वेष, दम्भ या अहंकार से, जीत सका क्या कोई मन को,

निष्ठा, लगन, परिश्रम का ही, फल होता है श्रेष्ठ आचरण l

Monday 20 March 2023

 

गुण विशेष होता है कवि में,वह भरता गागर में सागर,

सरल प्रकृति का प्राणी जग में,करुणा का ही है आगर l

नहीं सत्य छोड़ा  है उसने, रही कल्पना साथ  उसी के,

इसीलिये कवि जिन्दा रहता, प्रतिभा होती सदा उजागर l

Friday 17 March 2023

 

राज तिलक जब सुना राम ने, तभी हुये वनवासी,

लक्ष्मण क्या पीछे रह सकते, बने  राम विश्वासी l

सीता कैसे  साथ  छोड़ती, सुख वैभव  को त्यागा,

सुन कर   राम गये हैं वन में, भरत बने सन्यासी l

Wednesday 15 March 2023

 

सरल, सरस है, और सोच में  जग कल्याणी,

कोई सोचे  उसे  झुका  ले, वह  अभिमानी l

यों तो कवि साधक, भावुक है, अपने ढंग का,

सदा सत्य  का  पक्षकार, निर्मल  वह प्राणी l

Tuesday 14 March 2023

 

उद्घोषक, युगद्दष्टा, सृष्टा, जन जन की  पहिचान है,

स्वावलम्व, निर्देशक युग का, स्वर लय में सहगान है l

आजीवन निर्धन  रह कर  भी, सत्य रहा  है सम्बल,

इसीलिये युग युग से कवि को, मिला सदा सम्मान है l

Monday 13 March 2023

जिनके  जितने  झूठे  वादे, उनके  माथे  रोली  चन्दन,

लिप्त रहे जो गलत काम में, उनका द्वार द्वार अभिनन्दन l

जब अतीत  की  बात सोचता, ठनका  करता  सबका माथा,

अँधियारा जिनका भविष्य  है, वर्तमान  करता गुणवन्दन l

  

Sunday 12 March 2023

काव्य जगत में कवि को वृह्मा,बतलाया है विज्ञ जनों ने,

जो भी रुचिकर देखा समझा, उतरा  वह उनके वचनों में l

अच्छी कृति लिखने वालों की, काया मरती नहीं कभी भी,

         जरा मरण से हीन अमर हो, कीर्ति सुयश फैले अपनों में l

 

Saturday 11 March 2023

 

देश, परिस्थिति और काल का, जिसको रहता ज्ञान,

साहस, शौर्य जगाने  का  ही, जो करता अभियान l

वैसे  तो वह सरल प्रकृति का, प्राणी है इस जग में

कवि मिटता है आन वान पर, यह उसकी पहिचान l

Friday 10 March 2023

 

सभी चाहते सदा करें  सब, उनकी ही अनुशंसा,

उनको  चाटुकार  ही  घेरें, रहती  ऐसी  मंशा l

हर बुराई पर  परदा डालें, गाएं  सब गुणगाथा,

सदा भली लगती है सबको, अपनी आत्म प्रशंशा l

Monday 6 March 2023

 

होली

लिये सस्नेह हाथों में,

लगाओ प्रेम का टीका,

जला कर बैर होली में,

बढाओ प्रीति पावन तुम |

बढ़ें नजदीकियाँ हम में,

रहे उत्साह सबके मन,

फिलें चेहरे, प्रफुल्लित मन,

भुलादें भेद सारे हम |

नहीं शिकवे शिकायत हों,

गले मिल जाँय हम सबसे,

विनय है ईश से मेरी,

हमें सद बुद्धि ऐसी दे

Sunday 5 March 2023

 

प्राणी ने मन जीत लिया तो, जग को भी वह जीत जायगा,

दृढ़ संकल्प  सामने रक्खो, तो विचार भी  स्वस्थ आयगा |

अगर वासना मन में जागे, मन पर करो नियन्त्रण तो फिर,

मन को तुम एकाग्र करो तो, उसका तो फल  रंग लायेगा |

Saturday 4 March 2023

      उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  

Friday 3 March 2023

 

सघन वृक्ष ही सदा उखड़ते, वेत सलामत सदा रही है,

सहज नम्रता और समर्पण, कारण बनता बात सही है l

पर्वत को भी चीर सकी है, सरिता अपनी राह बनाती,

अहंकार को तजो,सफलता मिलती है,यह बात कही है l

Thursday 2 March 2023

फल देतें हैं सदा सभी को, वृक्ष नहीं कुछ खाते,
धरती को सिंचित करते ही,बादल फिर उड़ जाते,
प्यास बुझाती प्यासे की ही,सरिता कब जल पीती,

           पर उपकारी जो रहते हैं, धन्य वही हो पाते ,,,,, 

Wednesday 1 March 2023

                       आयु होती  क्षीण, यदि निन्दा  करें  विद्वान की,

तप नष्ट होता जायेगा, यदि मान्यता अभिमान की l

झूठ  बोला  तो  समझ  लो, नष्ट होगा यज्ञ फल,

दूसरों  से  यदि  कही, महिमा कहाँ  फिर दान की l