Thursday 31 December 2020

नव वर्ष की शुभकामनायें

 


 

नया वर्ष

आया है नया वर्ष, करते हम अभिनन्दन,

हम से जो अग्रज हैं, उनका करते वन्दन।

छोटों को शुभाशीष, मंगलमय हो जीवन।

प्रेम सदाफूले बस, हम सब उत्साही हों,

प्रगति मार्ग जो भी हो, उस पथ के राही हों,

हम उँचाई छू  लेंगे, नित प्रयास हों नूतन ।

गत को हम क्या देखें, देखें हम आगत को,

उत्सुक है नव प्रभात,हम सबके स्वागत को।

शुभ चिन्तक जो भी हैं, देखें हम अपनापन,

आया है नया वर्ष, करते हम अभिनन्दन।

जग में प्रसिद्धि के कीर्तिमान तोड़े हम,

भर दें उजयारे को, छूट जाये सारा तम।

मिट जाये अहंभाव, धुल जाये अन्तरमन।

द्वेष, बैर भूलें सब, छोटों को अपनायें,

प्रेम बीज बो कर हम,बगिया को महकायें।

मन मन्दिर अपने ही, बन जायें व्रन्दावन।

ज्ञानवान,बुद्धिमान,प्रभा ओजस्वी हों,

शरदं शतं जीवेत, आप सब यशस्वी हों।

विनती है प्रभु से बस, बन जायें वे साधन।

उत्तर से दक्षिण तक,हिन्दी सब की भाषा,

पूरबसे पश्चिम तक, सुदृढ़ रहे यह आशा।

हिन्दी की प्रगति हेतु, जुट जायें ज्ञानी जन।

आया है नया वर्ष

  डा० हरिमोहन गुप्त की ओर से नये वर्ष की शुभकामनायें |

Saturday 19 December 2020

 परोपकार हो बस जीवन में, समझूंगा मैं महा दान है,

धन दौलत तो नहीं रही है,सबका रक्खा सदा मान है,

कवि तो फटे हाल होता है, केवल भाव विचार साथ हैं,

फिर भी मेरे पास बचा है,बस वह केवल स्वाभिमान है |

  जब अधर्म बढ़ता  धरती  पर, कोई  सन्त पुरुष  आता है,

 हमको ज्ञान मार्ग   दिखलाने, भारत  ही  गौरव  पाता  है l

 संत अवतरित  हुये  यहाँ पर, विश्व बन्धु  का  पाठ पढ़ाने, उसका फल हम सबको मिलता, जन जन उनके गुण गाता है l

सत्साहित्य सदा कवि लिखता, चाटुकारिता नहीं धर्म है,

वह उपदेशक है समाज का, सच में उसका यही कर्म है l

परिवर्तन लाना  समाज  में, स्वाभाविक बाधाएँ  आयें,

कार्य कुशलता के ही कारण, सम्मानित है, यही मर्म है l

        

Tuesday 15 December 2020

  विषयी  घोड़े  दोड़ते, उनको  लगे  लगाम,

   इन्द्रिय निग्रह जो करे, उसको मिलते राम l

पूजा हो श्री राम की,किन्तु सदा निष्काम,

सोते जगते  गाइए, बिना  किये  विश्राम l

  राम, राम, जय राम जी, राम राम भज राम,

 राम  राम  भजते  रहो, यदि  चाहो  आराम l

 मन में  हों श्री राम जी, काम  करें सब राम,

हर क्षण हो बस राममय, बिना किये विश्राम l               

   सारा जग  है  राममय, सभी जगह हैं राम,

  मन निर्मल यदि आपका, तो बसते अभिराम l

चलते फिरते भी भजो, मन ही मन श्री राम,

बिगड़ेगा कुछ  भी  नहीं, बन जाते  हैं काम l

     चित्र राम का मन बसे, होगा हर्ष अपार,

     सिया राम  की छवि रहे, होगा बेड़ा पार l

राम कथा अमृत कथा, विष को करती दूर,

विषय वासना हट सके, यश मिलता भरपूर l

  राम कथा जिसने लिखी, लिया राम का नाम,

   राम रंग  में  रंग गया, माया का क्या काम 

Saturday 5 December 2020

 

 हों सजग हम, यही सबको बताना है,

करो मजबूत खुद को.यह दिखाना है |

हर समय उत्तम समय आता नहीं है,

समय को ही हमें उत्तम बनाना है |

 

बारम्बार प्रयास करो  तो, मिले सफलता,

चिंता और निराशा  छोडो, गई  विफलता.

असफलता से विमुख न हो,संघर्ष करोतुम,

जब अवसर अनकूल,प्रगतिपर जीवनचलता |