Sunday 2 September 2018

जहाँ चाह है, वहीं राह है.


इर्ष्या मन में जगे, समझ लो यही डाह है,
पाने  की  इच्छा हो मन में, यही चाह है l
प्रगति पन्थ पर बढने की जिज्ञासा मन में,
सत्य  यही  है, “जहाँ चाह है  वही राह है”l

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