Saturday 2 October 2021

  श्री लाल बहादुर शास्त्री—

गांधी के सच्चे अनुयायी, थे करुणा के सागर,

रहे सत्य के सदा प्रवर्तक, सबके प्रति था आदर l

गूँज रहा है “जय जवान का,जय किसान का नारा”

भारत के प्रधान मंत्री थे, ऐसे लाल बहादुर l

 

    सत्य,अहिंसा, क्षमा,दया से, भरे हुये थे गागर,

    सादा जीवन, उच्च विचारों की ओढ़ी थी चादर l

    देश बड़ा है,इसी सोच में, दी प्राणों की आहुति,

    थे प्रधान मंत्री पर समझा स्वयं देश का चाकर l

 

ये बुझी हुई शमा पुन: जल सकती  है,

तूफान में घिरी किश्ती संभल सकती है l

मायूस न होना, जिन्दगी में  कभी तुम,

ये किस्मत है, कभी भी बदल सकती है l

 

वक्त पर ही तुम अपनी बुरी आदत बदल लो,

नहीं तो  बदल  जायेगा  तुम्हारा  वक्त  भी l 

 

अपनापन हर कोई दिखाता, विरला ही बस साथ निभाता,

पर अपना है कौन यहाँ पर, इसको तो बस वक्त सिखाता |

, श्री लाल बहादुर शास्त्री—

गांधी के सच्चे अनुयायी, थे करुणा के सागर,

रहे सत्य के सदा प्रवर्तक, सबके प्रति था आदर l

गूँज रहा है “जय जवान का,जय किसान का नारा”

भारत के प्रधान मंत्री थे, ऐसे लाल बहादुर l

 

    सत्य,अहिंसा, क्षमा,दया से, भरे हुये थे गागर,

    सादा जीवन, उच्च विचारों की ओढ़ी थी चादर l

    देश बड़ा है,इसी सोच में, दी प्राणों की आहुति,

    थे प्रधान मंत्री पर समझा स्वयं देश का चाकर l

 

ये बुझी हुई शमा पुन: जल सकती  है,

तूफान में घिरी किश्ती संभल सकती है l

मायूस न होना, जिन्दगी में  कभी तुम,

ये किस्मत है, कभी भी बदल सकती है l

 

वक्त पर ही तुम अपनी बुरी आदत बदल लो,

नहीं तो  बदल  जायेगा  तुम्हारा  वक्त  भी l 

 

अपनापन हर कोई दिखाता, विरला ही बस साथ निभाता,

पर अपना है कौन यहाँ पर, इसको तो बस वक्त सिखाता |

,

No comments:

Post a Comment