Saturday 10 December 2022

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

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      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

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      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

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      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

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  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

      उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

     उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

  

 उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,

      ऊपर क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को  समझायें |

      हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,

      सन्तोषी  रह, अहंकार  तज, आदर  भाव  जतायें |

 

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