माँ देती है जन्म, गुरु जीवन को देता,
कुम्भकार की रही भूमिका, अपना लेता l
इनसे मानो उऋण नहीं कोई हो सकता,
अलग अलग दायित्व निभाता,बने प्रणेता l
No comments:
Post a Comment