सिया राम मय जगत है,जन
जन का आधार,
मिथ्या सब
संसार है, प्राणी यह
है सार l
सखा हमारे राम हैं,वही
पिता हैं
मात,
सबको
शुभ आशीष की,देते हैं सोगात l
सीता पति श्री राम हैं, लक्ष्मण
उनके साथ,
विघ्न
स्वयम हरते वही, छाया करता हाथ l
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