Thursday, 4 December 2025

  बिना चाहना के भजो, बिना किये विश्राम,

                    अनचाहे मिल जाँयगे, तुमको प्रभु श्री राम |

 

             चित्र राम का मन बसे, होगा हर्ष अपार,

           सिया राम  की छवि रहे, होगा बेड़ा पार l

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