Wednesday, 2 July 2025

सेवा  भाव  समर्पण  सीखें,  तो  समाज यहाँ  मान हो,

श्रेष्ठ नियम आचरण करें हम, कार्य हमारे भी महान हों |

आपस में सब बैर भुला कर, सम्मानित अग्रज को करिये,

                                           सभी लोग फिर करें अनुशरण, अपना ऐसा संविधान हो | 

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