सेवा भाव समर्पण सीखें, तो समाज यहाँ मान हो,
श्रेष्ठ नियम आचरण करें हम, कार्य हमारे भी महान हों |
आपस में सब बैर भुला कर, सम्मानित अग्रज को करिये,
सभी लोग फिर करें अनुशरण, अपना ऐसा संविधान हो |
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