Wednesday, 9 July 2025

 

हँसना, गाल फुलाना बोलो, एक साथ  कैसे  सम्भव है,

सोना, अरहर को तुम तोलो,एक तराजू क्या सम्भव है |

वायस, पिक का भेद उजागर हो जाता है हर बसंत में,

तुम बेमेल रसों को घोलो, मधुरस पाओ क्या सम्भव है |

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