जब अधर्म बढ़ता धरती पर, कोई सन्त पुरुष आता है,
हमको ज्ञान मार्ग दिखलाने, भारत ही गौरव पाता है |
संत अवतरित हुये यहाँ पर, विश्व बन्धु का पाठ पढ़ाने,
उसका फल हम सबको मिलता, जन जन उनके गुण गाता है|
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