Thursday, 15 May 2025

 

भारत को माता माना है, प्राण निछावर की ठानी है,

जान हथेली पर रखते हैं, कीमत  हमीद की जानी हैं |

हम अनेक में एक रहे हैं, जीवन,मरण लगे उत्सव सा,

भले कौम के कोई रहें हम, पर पहिले हिन्दुस्तानी हैं |

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