भारत को माता माना है, प्राण निछावर की ठानी है,
जान हथेली पर रखते हैं, कीमत हमीद की जानी हैं |
हम अनेक में एक रहे हैं, जीवन,मरण लगे उत्सव सा,
भले कौम के कोई रहें हम, पर पहिले हिन्दुस्तानी हैं |
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