Tuesday, 31 December 2024

 

कागज पर  ही लुप्त हो  गये सारे वादे,

और सामने  केवल  इनके  गलत इरादे l

आदर्शों की कसमें इनकी सभा मन्च तक,

अन्तर मन  काले  हैं, ऊपर  सीधे साधे l

Monday, 30 December 2024

 

मजहब हमारे भिन्न, मगर धर्म ऐक हो,

धरती पवित्र  माँ है, इरादा तो  नेक हो l

अनेकता  में   ऐकता, सिद्धान्त हमारा,

वलिदान के हित ऐक नहीं तुम अनेक हो l

Sunday, 29 December 2024

 

सत्यं शिवं सुन्दरम  की  गूँजी  है वाणी,

सत्यमेव  जयते की  हमने  पढ़ी  कहानी l

ऐक झूठ सौ बार कहें क्या सच हो सकता,

सच तो सच है,यही बात जानी पहिचानी l

 

Saturday, 28 December 2024

 

शूल में कितनी चुभन है, फूल है कितना सुहावन,

द्वेष में कितनी तपन है, प्रेम है कितना सुपावन l

कल्पना  कोरी  नहीं, चिर  सत्य  है  यह ,

है विरह विधवा सदा से, मिलन है हरदम सुहागन l

Friday, 27 December 2024

 

तुलसी की चौपाई मन्त्र हैं, जन जन को उपदेश है,

गीता  का  श्लोक कर्म को, करने  का सन्देश है l

सच मानो तो  दया, अहिंसा, धर्म सदा मानव का,

सत्य आचरण करो जगत  में, ऐसा  ही निर्देश है l

Thursday, 26 December 2024

                                                  तिमिर स्वयं  छटता जाता  है, पाकर पुण्य प्रकाश,

जटिल प्रश्न तक हल हो जाते, ले कर द्दढ विश्वास l

विषम और गम्भीर परिस्थिति मापदण्ड  हैं सच के,

जीवन  में  द्दढ संकल्पों  से  होता  बुद्धि विकास l


Wednesday, 25 December 2024

जहाँ सुमति तहँ सम्पति नाना, कोई अन्य विधान नहीं है,

कुमति जहाँ पर रही  वहाँ तो, सच मानो  सम्मान नहीं है l

आदि वचन मानससे छांटे, तुम भी इसको सोचो समझो,

                                         मिल जुल कर रहना हम सीखें, सुमति बिना उत्थान नहीं है l 

Tuesday, 24 December 2024

 

बुद्धि, विवेकी पुरुषों की बातों को सुनता,

संग कभी पौराणिक आख्यानों को चुनता |

वही सामने आप सभी  के  मैं रखता हूँ,

साथ कल्पना  के  ताने बानों को चुनता |

Monday, 23 December 2024

जब कभी भी यदि बिगड़ते आचरण,

स्वार्थ लिप्सा का तने यदि आवरण l

तो आज मानव धर्म  समझाएं उसे,

दायित्व है  अपना करें हम जागरण l

 

Sunday, 22 December 2024

 

लक्ष्य करता हर चुनोती को वरण,

हौसला यदि है झुका सकते गगन |

सोच  ऊँची  ही बनाओ  सर्वदा,

ध्वंस है निर्माण का पहिला चरण |

Sunday, 15 December 2024

 

कलुषित असत विचारों को बस धोते जाओ,

बीज सफलता  के  जीवन  में  बोते जाओ l

तुम  में  अहंकार    पनपे बस जीवन में,

सबसे  बड़ा मन्त्र दुनियाँ  में, यह अपनाओ l

Saturday, 14 December 2024

 

महाजनो गत:    पन्था”, इसको मूल मन्त्र  ही  माना,

जिसने उसका किया अनुशरण, उसने सही मार्ग पहिचाना l

यों तो भ्रमित हो रहा मानव, मार्ग भटक जाता है जब तब,

सत्य आचरण के  ही   बल पर, लोगों ने प्रभु को है जाना l

Friday, 13 December 2024

 

निज  का जो पुरुषार्थ समेटे, सत्संगत में जीता,

भक्ति भाव जिसकी रामायण और कर्म है गीता |

ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,चिंता को, छोड़ सका जिसका मन,

जीवन उसका धन्य, समय यदि परोपकार में बीता |

 

Thursday, 12 December 2024

 

गुनगुनाऊँ गीत  जब  भी  प्रेम का,

साथ में बस तुम मुझे स्वर साज दे देना,

मैं भटक  जाऊँ   कभी यदि राह में,

जिन्दगी  कैसे  जिऊँ? अन्दाज दे  देना l

ऐक तिनके का सहारा मिल सका तो,

धार लहरें, मैं भँवर तक  पार  कर लूँगा,

सामने पाना   मुझे   तुम  देखना,

बस किनारे  से  तनिक आवाज  दे देना l