जग में क्या खोया क्या पाया, इसका हिसाब है,
खुला हुआ पन्ना जीवन का, ऐसी किताब है l
समय पड़े उत्थान, पतन, संघर्ष सदा होता |
पर प्रसन्न हर हालत में हूँ, यह स्वभाव है l
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