Wednesday, 4 December 2024

 

जग में क्या खोया क्या पाया, इसका हिसाब है,

खुला हुआ  पन्ना जीवन  का, ऐसी  किताब है l

समय  पड़े  उत्थान, पतन, संघर्ष सदा होता  |

पर प्रसन्न  हर हालत  में  हूँ, यह स्वभाव  है l

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