Wednesday, 25 December 2024

जहाँ सुमति तहँ सम्पति नाना, कोई अन्य विधान नहीं है,

कुमति जहाँ पर रही  वहाँ तो, सच मानो  सम्मान नहीं है l

आदि वचन मानससे छांटे, तुम भी इसको सोचो समझो,

                                         मिल जुल कर रहना हम सीखें, सुमति बिना उत्थान नहीं है l 

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