Friday, 13 December 2024

 

निज  का जो पुरुषार्थ समेटे, सत्संगत में जीता,

भक्ति भाव जिसकी रामायण और कर्म है गीता |

ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,चिंता को, छोड़ सका जिसका मन,

जीवन उसका धन्य, समय यदि परोपकार में बीता |

 

No comments:

Post a Comment