Sunday, 22 December 2024

 

लक्ष्य करता हर चुनोती को वरण,

हौसला यदि है झुका सकते गगन |

सोच  ऊँची  ही बनाओ  सर्वदा,

ध्वंस है निर्माण का पहिला चरण |

Sunday, 15 December 2024

 

कलुषित असत विचारों को बस धोते जाओ,

बीज सफलता  के  जीवन  में  बोते जाओ l

तुम  में  अहंकार    पनपे बस जीवन में,

सबसे  बड़ा मन्त्र दुनियाँ  में, यह अपनाओ l

Saturday, 14 December 2024

 

महाजनो गत:    पन्था”, इसको मूल मन्त्र  ही  माना,

जिसने उसका किया अनुशरण, उसने सही मार्ग पहिचाना l

यों तो भ्रमित हो रहा मानव, मार्ग भटक जाता है जब तब,

सत्य आचरण के  ही   बल पर, लोगों ने प्रभु को है जाना l

Friday, 13 December 2024

 

निज  का जो पुरुषार्थ समेटे, सत्संगत में जीता,

भक्ति भाव जिसकी रामायण और कर्म है गीता |

ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,चिंता को, छोड़ सका जिसका मन,

जीवन उसका धन्य, समय यदि परोपकार में बीता |

 

Thursday, 12 December 2024

 

गुनगुनाऊँ गीत  जब  भी  प्रेम का,

साथ में बस तुम मुझे स्वर साज दे देना,

मैं भटक  जाऊँ   कभी यदि राह में,

जिन्दगी  कैसे  जिऊँ? अन्दाज दे  देना l

ऐक तिनके का सहारा मिल सका तो,

धार लहरें, मैं भँवर तक  पार  कर लूँगा,

सामने पाना   मुझे   तुम  देखना,

बस किनारे  से  तनिक आवाज  दे देना l

 


 


 

Wednesday, 11 December 2024

 

नेताओं   की चरण वन्दना, या अभिनन्दन,

उसका यह परिणाम,आज जनजन में क्रन्दन l

                            कुछ  तो  त्याग हमें बढ़ करके करना होगा, 

ले लें  हम  संकल्प, अगर करना  परिवर्तन l

Tuesday, 10 December 2024

                                                                 कथन नहीं चिन्तन पवित्र हो,

चित्र नहीं, उज्ज्वल चरित्र हो.

चापलूस तो  मिल सकते पर,

सदा साथ  दे, वही  मित्र हो.|

Monday, 9 December 2024

                                                             घटाना चाहते  हो, बोझ  मन  का,

सुगन्धित हो,खिले मन के सुमन का l

सुनो, फिर तुम करो विश्वास मन में,

सरल  सा रास्ता श्रृद्धा नमन  का l

 

      

Sunday, 8 December 2024

 

सरकारी सम्पत्ति  तोडना, किसी तरह  की  क्षति पहुँचाना,

नियम विरुध्य हो गया यह सब, जनता को ही यह अपनाना |

उसी व्यक्ति या उसके दल को, क्षति पूर्ति अब करना होगी,

दण्डित होंगे, जेल जाँयगे,  मुश्किल होगा अब  बच पाना |

Saturday, 7 December 2024

 

तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,

देश की  हो  सहज सेवा,  धर्म  होता  है  हमारा |

एक जुट हो कर  करेंगे, फल तभी  हमको मिलेगा,

है यही उद्देश्य सबका, हो,  प्रगति  ढूढें  किनारा |

Friday, 6 December 2024

 

बीते युग को छोड़, नये युग का निर्मार्ण करो,

आने वाले कल का तुम बढ़ कर सम्मान करो l

बीती   ताहि विसारो  का  सिद्धान्त हमारा,

किन्तु नहीं हम गत को भूलें,उसका मान करो l

Thursday, 5 December 2024

नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं

 नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं

 नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं

 नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं

 नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं

                           नभचर,जलचर, जब खेमों में नहीं बंटे हैं,

थलचर प्राणी क्यों आपस में लडें कटे हैं,

हम में हो सदभाव, सियासी दांव न खेलें,

मिल कर रहना सीख सकें हर जगह डटे हैं