Dr. Hari Mohan Gupta
Pages
Home
About Me
भजन
दोहा
गीत
ग़ज़ल
इंटरव्यू
मुक्तक
पुस्तकें
Contact Me
Sunday, 3 June 2018
सेवा भाव
सेवा भाव समर्पण
ही बस, मानव की पहिचान है,
जिसको है सन्तोष हृदय में, सच में वह धनवान है l
यों तो मरते,और जन्मते,जो भी आया यहाँ धरा पर,
करता
जो उपकार सदा
ही, पाता
वह सम्मान है l
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment