पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,
उसूलों से बड़े
जब ख्बाव हो जाते हैं |
परेशानी का
अनुभव तो देर से होता.
दुखित मन
आपका,स्वयं आप से कतराता |
चन्दन हर पोधा महकाये जो समीप है,
जग को जो आलोकित कर दे वही दीप है l
पत्थर चोट सहे, पर फल दें वृक्ष यहाँ पर,
पानी
पी कर मोती उगले वही सीप है l
फल देतें
हैं सदा सभी को, वृक्ष नहीं कुछ
खाते,
धरती
को सिंचित करते ही,बादल फिर उड़ जाते l
प्यास बुझाती प्यासे की ही, सरिता लब जल
पीती,
पर
उपकारी जो होते
हैं, धन्य वही हो पाते l
इर्ष्या मन में जगे, समझ लो यही डाह है,
पाने की इच्छा हो मन में, यही चाह है l
प्रगति पन्थ पर बढने की जिज्ञासा मन में,
सत्य
यही है, “जहाँ चाह है वही राह है”l
मिले सफलता जीवन में तुम हार न मानो,
छू सकते आकाश, स्वयम को तो पहिचानो l
जो
करते अभ्यास नितन्तर, आगे बढ़ते,
तुम
में है सामर्थ, मन्त्र यह मेरा मानो l
छोटी वहर
में== जो माया के दास, वही रहते उदास .
माया छोडो ख़ास, रहे
आपके पास.
राजनीति ईमान,
छलबल है
दिनमान.
सीखो
तुम,अन्यथा,
क्षमा करो
श्री मान.
जीतो समर,
कस लो
कमर.
परिणाम है,
होगे अमर.
बिना
मात्रा के==
जतन जतन
समरत अब बचपन,
दमकत उड़त रहत अब
उपवन.
चमकत बदन,
रजत सम दरसन,
अमरत बरसत
अब इन अधरन.
गुरुवर सदा
सिखाया करते, मन में साहस,दृढ़ता,
आंकी गई
श्रेष्ठतम जग में, सदा पिता की क्षमता.
बिन माँगे
सलाह मिल जाती अक्सर आम जनों से,
कोई सानी नहीं जगत में,बढ़ कर माँ की ममता.
बुद्धि,
विवेकी पुरुषों की बातों को सुनता,
संग कभी
पौराणिक आख्यानों को चुनता |
वही सामने
आप सभी के मैं रखता हूँ,
साथ
कल्पना के ताने बानों को चुनता |
छान बीन
कर तब निचोड़कर, कुछ मैं पाता ,
माँ वाणी
की कृपा मान, उसके गुण गाता,
शायद कुछ
कल्याण हो सके
मेरे द्वारा,
गुरु,
देवों संग विज्ञजनों को शीश झुकाता |
सदाचार संग नम्रता, क्षमा, दया का भाव,
सत्य, शील ही प्रेम है, रहता नहीं अभाव |
ज्ञान सहज पायें सभी, रहें अगर निश्चिन्त,
अहंकार बस छोड़ दें, झूठे सभी लगाव |
काम, क्रोध या घृणा भाव ही,संयम रहित विचार,
चिन्तित मन रहता सदा, पाता कष्ट अपार |
तुम
दूसरों की रोटियों पर मत पलो,
तुम
बाँट कर
खाओ, सदा फूलो फलो.
सन्गठन
में शक्ति है, इसको समझ लो,
रास्ता है
ऐक, तुम सदा मिल कर चलो.
दिन में
ऐसे काम, रात में सुख से सोयें,
चार मास
विश्राम, आठ में तन सुख खोएँ.
जीवन में
हरि नाम, गाँठ ही ऐसी बाँधें,
पहुँच
सकें सुर धाम, पाप सब अपने धोएं.
असली हर
किरदार, आपका ही परिचय है,
वही सफल
है, जिसका होता द्दढ निश्चय है.
आप निभाते
वही कि जिसकी मिली भूमिका,
सच मानो
तो यहाँ जिन्दगी खुद अभिनय है.
रंग मन्च के अभिनय में सहगान बना दो,
साहस देकर मुझको भी बलवान बना दो.