अब तक मोह प्रेम वश हो कर जी ललचाया,
झूठे रिश्ते नाते जग में, यह ही पाया.
उसने कब चाहा तुम उनको धन दौलत दो,
केवल दुख में साथ निभा दो, यह ही भाया.
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