छोटी वहर
में== जो माया के दास, वही रहते उदास .
माया छोडो ख़ास, रहे
आपके पास.
राजनीति ईमान,
छलबल है
दिनमान.
सीखो
तुम,अन्यथा,
क्षमा करो
श्री मान.
जीतो समर,
कस लो
कमर.
परिणाम है,
होगे अमर.
बिना
मात्रा के==
जतन जतन
समरत अब बचपन,
दमकत उड़त रहत अब
उपवन.
चमकत बदन,
रजत सम दरसन,
अमरत बरसत
अब इन अधरन.
गुरुवर सदा
सिखाया करते, मन में साहस,दृढ़ता,
आंकी गई
श्रेष्ठतम जग में, सदा पिता की क्षमता.
बिन माँगे
सलाह मिल जाती अक्सर आम जनों से,
कोई सानी नहीं जगत में,बढ़ कर माँ की ममता.
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