Tuesday 28 February 2023

जिसे प्रेम जीवन से  होता, वह सुधारता  है  अपने को,

दृष्टिकोण तो स्वयं बदलता, जीवित करता वह सपने को |

करो कर्म उत्कृष्ट, साथ ही छवि अपनी हो स्वच्छ निरापद,

तभी कर्मफल मिल पायेगा, शक्ति मिले उससे  लड़ने को |

  

Monday 27 February 2023

यश अपयश विधि हाथ, सोच जो व्यक्ति जिया करते हैं,

हानि लाभ  को  छोड़, व्यक्ति  कर्तव्य  किया करते हैं l

जीवन  या   फिर  मरण सदा  से, उसके  हाथ रहा है,

      सुख दुख   में समभाव, वही   अमरत्व पिया  करते हैं l 

Sunday 26 February 2023

 

राम का आदर्श अनुकरणीय है,

कृष्ण का सानिध्य स्मरणीय है |

आप में सामर्थ है कुछ बन सको,

अनुकरण करिये तो आदरणीय है |

Saturday 25 February 2023

 

माँगे से जो मिलता है, वह भिक्षा है, वरदान नहीं है,

गुरु द्वारा जो भी मिलता है शिक्षा है, विज्ञान नहीं है |

आस्था औ विश्वास परम आवश्यक है, उसको पाने में,

मन्दिर में जो भी प्रतिमा है, पत्थर है, भगवान नहीं है |

Friday 24 February 2023

परछाईं   के पीछे भागो, नहीं  पकड़  में  आये,

उसे छोड़  कर  आगे जाओ, तो  वह  पीछे धाये,

माया, ममता, और तृषा  का  यही हाल है मानो,

उसके प्रति बस मोह छोड़ दो, मन आनन्द समाये l

 

Thursday 23 February 2023

 

मन में जब भी दूरी बढती, तो उसका परिणाम कलह है,

तिरिस्कार जब भी मिलता है, उसकी कोई रही बजह है l

माना यह  सबको समझोते, करना पड़ते  हैं  जीवन में,

इनसे जो ऊपर उठ जाता, उसकी अपनी स्वयम जगह है l

Wednesday 22 February 2023

 

जिन्दगी का तर्जुवा है मेरा, समय ही हमें सिखाता है,

छोटा आदमी ही सही, मौके पर कभी काम आता  है |

नाते, रिश्ते तो निभाने  को नहीं, दिखाने को होते हैं,

बड़ा आदमी  छोटी सी बात पर भी आँखे दिखाता है |

 

Tuesday 21 February 2023

लाख टका की बात एक जो, कहो न बात बिरानी,

 सुन कें बात पेट में डारो, करो  न  खीचां तानी |

लगे न लोनी,भले आज जो, तौऊ हमारी सुन लो,

          इते उते कि कहो कभुउ ना, करो न जो नादानी | 

Sunday 19 February 2023

स्वार्थ भावना यदि मन में तो, वह ख़ास नहीं बनता,

छल- छन्द रहा यदि मन में तो, विश्वास नहीं पलता |

कर्मठ, सत्यव्रती का जग में, नाम  लिखा  जाता  है,

       अभिमानी जन को इस जग में, सम्मान नहीं मिलता | 

Friday 17 February 2023

कागज पर   ही लुप्त हो गये, सारे वादे ,

और सामने  केवल  इनके  गलत  इरादे,

आदर्शों की कसमें इनकी सभा मंच तक,

अंतर मन  काले  हैं, ऊपर  सीधे   साधे l

 

Thursday 16 February 2023

 

सत्य छिपा है जो शास्त्रों  में, उसे निकालें बाहर,

और मठों  की  दीवालों  से, उसे  हटायें  जाकर l

सम्प्रदाय जो इस पर बस, अधिकार मानते अपना,

हमे छीन  कर उनसे लाना, करना हमें  उजागर l

Wednesday 15 February 2023

नहीं  अर्थ  इसका  कुछ  होता, मैंने कितना खाया,

सार्थक  यह  माना  जायेगा,  कितना गया पचाया l

यह  महत्व  की  बात नही है, कितना यहाँ कमाया,

इसका यहाँ महत्व अधिक है, सच में क्या बच पाया l

महत्व पूर्ण यह नहीं कि जीवन, कितना बीत गया है,

       महत्व पूर्ण  यह  ही  होता  है, कैसे  जिया गया है l 

Monday 13 February 2023

 

योग्य हितेषी मित्र मिल सकें, कम होता है,

औषधि गुण कारी, मीठी हो, कम होता है

स्वार्थ सिद्धि में ही डूबे  हैं, प्राणी जग के,

अपनापन  कोई  दिखलाये, कम  होता है l

Saturday 11 February 2023

                         कवि ही ऐसा प्राणी है जो, गागर में सागर को भरता

केवल वाणी के ही बल पर, सम्मोहित सारा जग करता,

      सीधी, सच्ची, बातें कह कर, मर्म स्थल को वह छू लेता

        आकर्षित हो जाते जन जन, भावों में भरती है दृढ़ता l

 

पैर जब कभी चादर से बाहर को आते हैं,

उसूलों  से  बड़े जब ख्बाव  हो जाते हैं |

 

परेशानी  का  अनुभव तो देर  से होता.

दुखित मन आपका,स्वयं से आप कतराता |

बल पौरुष के कारण जग में, नर ने माना श्रेष्ठ कर्म है,

धर्म भीरु होने  के  कारण, नारी  कहती  श्रेष्ठ धर्म है |

नहीं कल्पना है यह कोरी, मानो तो  विशवास अटल है,

कोई जान  न पाया उसको, इसीलिए तो  श्रेष्ठ मर्म है |

 

समझ है, समस्या की तह तक जाने की,

शक्ति है, समझने  और  समझाने  की |

बहकाने  से   सदा   सावधान   रहना ,

कभी  कोशिश  न  करना आजमाने की |

Friday 10 February 2023

 

हों सजग हम, यही सबको बताना है,

करो मजबूत खुद को.यह दिखाना है |

हर समय उत्तम समय आता नहीं है,

समय को ही हमें उत्तम बनाना है |

Thursday 9 February 2023

काम आज का आज, नहीं तुम कल पर डालो,

यही नियम है, समझदार तुम, देखो भालो |

बोझ बनेगा काम, अगर यह कल पर डाला,

            यह सलाह है नेक, इसी व्रत को तुम पालो | 

Wednesday 8 February 2023

सदा विलासता मृत्यु, और संयम है जीवन,

विषय वासना भार, त्याग ही है अमूल धन.

धैर्य और दृढता से  जो इनिद्रयजित रहता,

ईश्वर में  विश्वास  पायेगा  ईश्वर  दर्शन,  

 

Tuesday 7 February 2023

योग,यज्ञ,जप,तप सभी, व्यर्थ उपाय तमाम,

 बिना परिश्रम किये ही, मिल सकते श्री राम l

उनके प्रति विश्वास यदि,मिल सकते श्री राम,

दर्शन देगें स्वयम वह, कटते कष्ट तमाम l

  नहीं काम होता सफल,समझो मन की भूल,

  राम भजन से मान लो,निश्चित हो अनुकूल l

राम चरण रज पा सके, कवि  श्री “तुलसीदास”,

चरण वन्दना हम  करें, राम  आयंगे  पास l                                           

 रामचरित मानस लिखा, तुलसी के हैं राम,

 गुण गायें हम राम के,मिले राम का धाम l

राम कथा लिख कर हुये, तुलसीदास महान,

हम भी कुछ ऐसा लिखें, अपनी हो पहिचान l 

Monday 6 February 2023

       चढ्ना है  पहाड़  के ऊपर, झुक  कर चढना होगा,

       अगर चाहते मन्जिल पाना, रुक कर  चलना होगा |

       अकड दिखा कर जो भी चलता, ठोकर खा गिर जाता,

       लक्ष्य प्राप्ति हित,हो प्रयास रत्त, गिर कर उठाना होगा |

      

Sunday 5 February 2023

दया,धर्म अरु सत्य संग, साहस जिसके पास,

जिसमें है पुरुशार्थ तो, वह पण्डित यह आस l

      रात जागते ही रहें, रोगी, कामी, चोर,

      केवल कायर,दीन ही, सदा मचाते शोर l

लोभ और निर्लज्यता, गर्व संग है क्रोध,

मानवता की राह  में, वे बनते अवरोध l    

 स्वयम वृति से जीविका, हों निरोग यह ठान,

 ऋणी न होना किसी के, ये सुख मान प्रधान l

बुधि विवेक युत मित्र हो,जिसे शास्त्र का ज्ञान,

संकट  में  निस्वार्थ जो, मित्र उसी  को मान l

    जो कृतज्ञ,संयम प्रमुख, हो संकल्प महान,

    जिसकी जो सामर्थ हो. उतना करिये दान l

धर्म नित्य,सुख दुख अनित, नहीं रहेगा दोष,

छोड़ अनित,नित में रहे, तो मिलता सन्तोष l

   मिथ्या आग्रह, कटुवचन, करे तीर का काम,

   स्वाभाविक यह प्रतिक्रया, उल्टा हो परिणाम

धन संग्रह नहिं धर्म से, उसका करिये त्याग,

यथा सर्प  की  केचुली, नहीं  लगेगा  दाग l

  धर्म पन्थ में बाँट कर, हमें किया बर्वाद,

  ऐक नहीं  होने  दिया, उपजा वादविवाद l

वे दोनों तो ऐक हैं, क्या रहीम क्या राम,

हम  में  ही  दुर्बुद्धि है, इसीलिये कुहराम l

   मिटटी की यह देह है, सब में ज्योति समान,

  क्या हिन्दू, क्या मुसलमा, क्यों  होते  हैरान l 

मद स्वभाव,कटु वचन हों, करें मर्म आघात,

पीड़ा पहुचे मनुज  को, मिले सदा व्याघात l

   दया, धर्म, निर्भीकता, अगर  आपके पास,

  सारे अवगुण सिमट कर, बन जाते हैं दास l

जो भी चाहे शान्ति सुख,या चाहे आनन्द,

क्षमा,शील संग दया हो, पाओ परमानन्द l

 

 जो  चाहो   ऐकाग्रता,  इच्छा  शक्ति  प्रधान,

मन प्रसन्न यदि आपका, सुख दुख ऐक समान l 

Saturday 4 February 2023

फासला  घट  जाएगा,  हमदम   बनाओ 
हो सके तो तुम किसी का ग़म मिटाओ 
शान्ति सुख पा जाओगे यह देखना तुम 

            बस किसी  के  घाव पर  मरहम लगाओ |

Friday 3 February 2023

सिया राम छवि मन बसे,ऐसा करो विचार,

    निराकार  में  देख  लो, राम रूप  साकार l

सुयश राम का  काव्य है, कवि  बनना आसान

 बिन प्रयास लिख जायगा,उनका सब गुण गान l

 अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,

पाया  उसने  परम  पद, हुआ  यही चरितार्थ

तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,

करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l 

Thursday 2 February 2023

 

इर्ष्या मन में जगे, समझ लो यही डाह है,

पाने  की  इच्छा हो मन में, यही चाह है l

प्रगति पन्थ पर बढने की जिज्ञासा मन में,

सत्य  यही  है, “जहाँ चाह है  वही राह है”l

Wednesday 1 February 2023

 

साहब ने घर पर मुझे, बुलवाया  है आज,

क्या ऐसे ही जांयगे, अपनी रखना लाज l

 हम देते  वे  लेत  हैं, नगद किन्तु यह राज,

जिस दिन हम यों ही गये, बिगड़ जायगा काज l

वे कहते  हैं  हमें भी, ऊपर  देनें  दाम,

बिना लिये कैसें करें, रोज हमें भी काम l

  ऊपर तक हिस्सा बंटा, शामिल  हैं सब लोग,

 इससे सुबिधा सबई खों, कर लो तुम उपयोग |

आज राज में हो रहो, केवल बस अंधेर,

फाइल पे ना बजन हो, तो फिर समझो देर l

       ऐक मेज से दूसरी, कुरसी  तकती रोज,

      कोई तो आकर फँसे, रहती उनकी खोज l  

अब तो बाबू स्वयं ही, कहते हैं श्री मान,

फाइल आगे जायगी, तभी बने पहिचान l

      अफसर को देना हमें, मजबूरी श्री मान,

      बोलो कैसे घर चले, मान लीजिये दान l  

  

 

 

कोयल कू कू बोलती, चले बसंत बयार,

  पीली सरसों फूलती, धरती  को सिंगार l

      जाड़ो जाबे कों भयो, जे हे बा  को कोप,

     प्यार, रजइया छूट हैं, हो जे हैं सब लोप l  

सरदी हा हा खा रई, जाबे को तैयार,

कुआ बाबरी में गिरे, हो जे बेड़ा पार l

     होरी आबे खों भई, दिल  हो  रओ बेचेन,

     घर बारी से सोच रय, लड़ पें हैं अब नैन l

घर वारी रंगने हमें, मल हैं गाल गुलाल,

जाने कैसे आउत है, होरी  है  जा साल l

      पुरा महुल्ला से नहीं, कोनउ  है दरकार,

     पाँच दिना घर में रहें, कर हैं सब मनुहार l                                                   

भली करी  जा नौकरी, घर से हो गय दूर,

घरवारी की याद में, हो  रय  हम मजबूर l

      होरी आवे  खों भई,  छुट्टी  हो मंजूर,

       घर कों जाने है हमें, संग रे हैं भरपूर l

पिछली साले का कहें, अफसर थो वे पीर,