परछाईं के पीछे भागो, नहीं पकड़ में आये,
उसे छोड़ कर आगे जाओ, तो वह पीछे धाये,
माया, ममता, और तृषा का यही हाल है मानो,
उसके प्रति बस मोह छोड़ दो, मन आनन्द समाये l
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