योग,यज्ञ,जप,तप सभी, व्यर्थ उपाय तमाम,
बिना
परिश्रम किये ही, मिल सकते श्री राम l
उनके प्रति विश्वास यदि,मिल सकते श्री राम,
दर्शन देगें स्वयम वह, कटते कष्ट तमाम l
नहीं काम होता सफल,समझो मन की भूल,
राम भजन से मान लो,निश्चित हो अनुकूल l
राम चरण रज पा सके, कवि श्री “तुलसीदास”,
चरण वन्दना हम
करें, राम आयंगे पास l
रामचरित
मानस लिखा, तुलसी के हैं राम,
गुण
गायें हम राम के,मिले राम का धाम l
राम कथा लिख कर हुये, तुलसीदास महान,
हम भी कुछ ऐसा लिखें, अपनी हो पहिचान l
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