यश अपयश विधि हाथ, सोच जो व्यक्ति जिया करते हैं,
हानि लाभ को छोड़, व्यक्ति कर्तव्य किया करते हैं l
जीवन या फिर मरण सदा से, उसके हाथ रहा है,
सुख दुख में समभाव, वही अमरत्व पिया करते हैं l
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