Wednesday 30 November 2022

  सिया राम छवि मन बसे,ऐसा करो विचार,

    निराकार  में  देख  लो, राम रूप  साकार l

सुयश राम का  काव्य है, कवि  बनना आसान

 बिन प्रयास लिख जायगा,उनका सब गुण गान l

 अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,

पाया  उसने  परम  पद, हुआ  यही चरितार्थ l

तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,

करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l

  राम स्वयम आते वहाँ, भक्त करें जब याद,

  कृपा दृष्टि उनकी सदा, हटते  सब अवसाद l

Tuesday 29 November 2022

 

          बहता पानी स्वच्छ  औरर निर्मल होता है,             आगे बढने  का प्रयास  प्रतिपल  होता है l

सागर कब किसको मिठास दे पाया जग में 

 ठहरे पानी  में  अक्सर  दलदल  होता है l

Monday 28 November 2022

     राम सहायक ही रहें, पवन पुत्र हनुमान,

    हम भी सेवक राम के,गायें प्रभु के गान l

 राम लिखे पत्थर सधे, लिखा गया बस नाम,

 वे जिनके भी हृदय में, रक्षक  रहते  राम l 

   राम नाम जो भी जपे, छोड़े सब छ्लछन्द,

   मिलता  है  सन्तोष धन, रहते वे सानन्द l

राम भक्तिमणि पास यदि,फिर क्यों करता शोक,

बिन  मांगे  फल  पायगा,  सुधरेगा   परलोक l

   राम शरण में जो गया, हुआ वही भव पार,

  शरण राम  की तुम गहो, यदि चाहो उद्धार 

Sunday 27 November 2022

 

परछाईं   के पीछे भागो, नहीं  पकड़  में  आये,

उसे छोड़  कर  आगे जाओ, तो  वह  पीछे धाये,

माया, ममता, और तृषा  का  यही हाल है मानो,

उसके प्रति बस मोह छोड़ दो, मन आनन्द समाये l

Saturday 26 November 2022

 

जो समाज विघटित करे, उनसे हो संघर्ष,

जन जन को जाग्रत करे, तो होगा उत्कर्ष l

 प्रज्ञा संग चिन्तन मनन, सत साहित्य प्रधान,

  उत्कंठा  के  साथ  हो, धर्म  और  विज्ञान l  

गुरु से मिलते सूत्र ही, भाष्य आपका काम,

प्रतिभा है यदि आपमें, जग में होगा नाम l

    नैतिक जो उपदेश हैं, करें सभी अभ्यास,

    जीवन संभलेगा तभी, होगा बुद्धि विकास l

विकृति आये सोच में, मन में पनपे स्वार्थ,

कर्तव्यों  से  विमुख जो, कैसे  हो परमार्थ l

   बुद्धि हमारी तीर  है, श्रम है  सदा कमान,

    उचित मार्ग दर्शन मिले, लक्ष्य बने आसन l

Friday 25 November 2022

 मिथ्या आग्रह, कटुवचन, करे तीर का काम,

   स्वाभाविक यह प्रतिक्रया, उल्टा हो परिणाम

धन संग्रह नहिं धर्म से, उसका करिये त्याग,

यथा सर्प  की  केचुली, नहीं  लगेगा  दाग l

  धर्म पन्थ में बाँट कर, हमें किया बर्वाद,

  ऐक नहीं  होने  दिया, उपजा वादविवाद l

वे दोनों तो ऐक हैं, क्या रहीम क्या राम,

हम  में  ही  दुर्बुद्धि है, इसीलिये कुहराम l

   मिटटी की यह देह है, सब में ज्योति समान,

  क्या हिन्दू, क्या मुसलमा, क्यों  होते  हैरान l 

Thursday 24 November 2022

मीठी वाणी  ही  रही, जीवन  में  अनमोल,

 जीत सकेंगे सभी को, सरल सहज मृदु बोल l

स्वार्थ सिद्धि में आपने, अगर किया अनुबन्ध,

तो समझी परिणाम तुम,क्या होंगे सम्बन्ध l

         मन में यदि इच्छा प्रबल, करते रहें प्रयास,

   साहस  बाँधे पाँव  में,  रहे  सफलता दास l

यही नर्क के द्वार  हैं, लोभ, मोह, अरु काम,

विजय पा सका जो कभी, जग में पाया नाम l

  यदि घमण्ड बढ़ता कभी, होता नष्ट विवेक,

  अहंकार बस छोड़ दो, यह सलाह है नेक l

धैर्य, धर्म , निर्भीकता, सभी  बुलाएँ  पास,

त्यागें यदि हम भीरुता, बने परिस्थिति दास l

     यही बात बस प्रमुख है, सबने पढ़े पुराण,

     सुख दुख में समभाव हो,गीता पढो कुरान l

शब्द तौल कर बोलिये, भाषा शिष्ट समान,

मन्त्र मुग्ध संजीवनी, मिले  तुम्हें सम्मान l

   सदाचार के पाठ को, यदि समझाएं आप 

 हिंसा, चोरी, वासना. मानेंगे  सब  पाप l

सत्य, अहिंसा, क्षमा  की, ऐसी छोड़ो छाप,

हत्या या फिर व्यसन भी, बन जायेंगे पाप l

    

Wednesday 23 November 2022

लक्ष्य सामने रखने वाले, कभी नहीं रुकते हैं,

जो श्रम के आदी हो जाते,कभी नहीं थकते हैं l

धीरे धीरे चलो, सामने लक्ष्य बनाओ निश्चित,

           कितनी भी कठनाई आये, कभी नहीं झुकते हैं l 

Tuesday 22 November 2022

 

 बीता कल आता नहीं, आज गया  सो  काल,

 कर लो तुम शुभ काम को,होगे स्वयम निहाल l

आपस  में  दूरी रहे, हो  कोई  मतभेद,

यह सलाह है आपको, रखिये ना मनभेद l

    तन मिटटी का रूप धर,करता दीप प्रकाश,

   बाती  जलती नेह  की, अंधियारा  है दास l

खाएं हरदम बाँट  कर, बोलें  मीठे  बोल,

प्रेम सहित हम नम्र हों, धर्म कमाई तौल l

   नहीं स्तुति से हर्ष हो, नहीं निन्दा से शोक,

   दोनों  में  समभाव हो, वही बड़ा इस लोक l

Monday 21 November 2022

 

 साधन यदि हैं श्रेष्ठतम, मुश्किल हटें तमाम,

   नैतिकता  का  बल रहे, ऊँचा  होता  नाम |  

देने के हित दान  है, लेने  के  हित ज्ञान,

यही सीख है बड़ों की, त्याग हेतु अभिमान l

 सुख उसको ही मिल सका, रहा कामना मुक्त,

 नहीं सम्पदा  श्रेष्ठ  है, वैभव  से  हो  युक्त l

खुद चाहे भूखा  रहे,  रखें  पड़ोसी  ध्यान,

वही जगत में श्रेष्ठ है, सबसे बढ़ कर दान l

    विद्या संग सत्कर्म ही, दिया हुआ ही दान,

    छाया सा पीछे  चले,  सदा  बढाता  मान,

Sunday 20 November 2022

                     परोपकार हो बस जीवन में, समझूंगा मैं महा दान है,

धन दौलत तो नहीं रही है,सबका रक्खा सदा मान है,

कवि तो फटे हाल होता है, केवल भाव विचार साथ हैं,

फिर भी मेरे पास बचा है,बस वह केवल स्वाभिमान है |


Friday 18 November 2022

 लगन,परिश्रम, सतत साधना, जो  अपनाते हैं,

एकाग्रचित्त, अभ्यासी ही मंजिल तक जाते हैं,

सत्य मार्ग पर चलते  हैं जो सेवा व्रत ले कर,

सच मानो  तो  वही लक्ष्य  को  छू  पाते हैं l

लगन,परिश्रम, सतत साधना, जो  अपनाते हैं,

एकाग्रचित्त, अभ्यासी ही मंजिल तक जाते हैं,

सत्य मार्ग पर चलते  हैं जो सेवा व्रत ले कर,

सच मानो  तो  वही लक्ष्य  को  छू  पाते हैं l

लगन,परिश्रम, सतत साधना, जो  अपनाते हैं,

एकाग्रचित्त, अभ्यासी ही मंजिल तक जाते हैं,

सत्य मार्ग पर चलते  हैं जो सेवा व्रत ले कर,

सच मानो  तो  वही लक्ष्य  को  छू  पाते हैं l

Thursday 17 November 2022

 नहीं आचरण शुद्ध हैं, केवल  दें व्याख्यान,

    क्या हित होगा आपका, मिल पायेगा ज्ञान?

जब विवेक तब शान्ति है, तृष्णा होती शांत,

विषयों में आशक्ति यदि, तो मन रहे अशांत.

 भोजन पानी सुलभ है, रहना भी सुखदेय,      

 वस्त्र मिलें अनकूल जब, दुर्जन का संग हेय.

राजा को अभिमान यदि, ज्ञानी को यदि मान,

हो प्रसिद्धि ऐश्वर्य से, जग में कवि का मान.

  कवि का यदि स्तर गिरा, घट जाता सम्मान,

  मात्र प्रशंसा से  नहीं, हो  सकता  कल्याण. 

Wednesday 16 November 2022

 

इर्ष्या मन में जगे, समझ लो यही डाह है,

पाने  की  इच्छा हो मन में, यही चाह है l

प्रगति पन्थ पर बढने की जिज्ञासा मन में,

सत्य  यही  है, “जहाँ चाह है  वही राह है”l

Tuesday 15 November 2022

 

योग,यज्ञ,जप,तप सभी, व्यर्थ उपाय तमाम,

 बिना परिश्रम किये ही, मिल सकते श्री राम l

उनके प्रति विश्वास यदि,मिल सकते श्री राम,

दर्शन देगें स्वयम वह, कटते कष्ट तमाम l

  नहीं काम होता सफल,समझो मन की भूल,

  राम भजन से मान लो,निश्चित हो अनुकूल l

राम चरण रज पा सके, कवि  श्री “तुलसीदास”,

चरण वन्दना हम  करें, राम  आयंगे  पास l                                           

 रामचरित मानस लिखा, तुलसी के हैं राम,

 गुण गायें हम राम के,मिले राम का धाम l

Monday 14 November 2022

 

बाल दिवस

कल तक कोई बालक राही,

भीख माँगता मिल जाता था,

उसे बुला कर समझाता मैं,

बुरी चीज है, भीख माँगना,

मेहनत के बल पर तुम प्यारे,

शीष उठा कर जीना सीखो।

आज गोष्ठी आयोजित है,

रोको बालक श्रम’ शीर्षक  है।

कोई बालक यदि मिल जाये

बोझा ढोता, मेहनत करता,

मैं उससे क्या कह पाऊँगा ?

सोच सोच कर परेशान हूँ,

कैसे उसको समझाऊँगा ?

Sunday 13 November 2022

 

जिसमें साहस, शौर्य, धेर्य हो, नहीं किसी से वे डरते हैं,

आगे की जो सोचा करते, सही समझ कर  पग धरते हैं |

कवि, सपूत, अरु सिंह सदा ही लीक छोड़ आगे चलते हैं,

जो  करते हैं  युग परिवर्तन, नई राह पर   वे बढ़ते हैं |

 

शब्द सुमन से, कृपा दृष्टि से, भर दी मेरी अंजलि,

चरणों में अर्पित करते हैं, तुमको  हम  पुष्पांजलि |

सदा सत्य पथ, सीमित इच्छा को  सदैव स्वीकारा,

मार्ग प्रदर्शक बने  रहें बस, स्वीकारें  श्रद्धान्जलि |

 

Saturday 12 November 2022

 

कैसे हम आगे बढ़ें, लगी हुई  है होड़,

अपनों को पीछे करें, सब मर्यादा तोड़ l

      झूठ फरेबी सब करें, छोड़ें  शिष्टाचार,

      चापलूस बन कर वही, करते भ्रष्टाचार l

मन्दिर मस्जिद बँट रहे, अपनापन है दूर,

मानवता के नाम पर, सब कुछ चकनाचूर

      छोटी के  आगे बड़ी, खीचें  सही लकीर,

     यों विकास के रंग भरें, सुन्दर हो तस्वीर l

ऐक दूसरे पर  यहाँ, छींटा  कसते रोज,

जनता यों ही देखती, सभी मनाते मौज l

Friday 11 November 2022

 

यश अपयश विधि हाथ, सोच जो व्यक्ति जिया करते हैं,

हानि लाभ  को  छोड़, व्यक्ति  कर्तव्य  किया करते हैं l

जीवन  या   फिर  मरण सदा  से, उसके  हाथ रहा है,

सुख दुख   में समभाव, वही   अमरत्व पिया  करते हैं l

Thursday 10 November 2022

 

खाएं हरदम बाँट  कर, बोलें  मीठे  बोल,

प्रेम सहित हम नम्र हों, धर्म कमाई तौल l

   नहीं स्तुति से हर्ष हो, नहीं निन्दा से शोक,

   दोनों  में  समभाव हो, वही बड़ा इस लोक l

उसकी महिमा,नाम गुण,  देखे सदा चरित्र,

श्रृद्धा पूर्वक  हम  सुनें, ईश्वर  रूप  पवित्र l

    चिन्तन करते रूप का, गाते हम गुण गान,

    सदा स्मरण उसी  का, निकट रहें भगवान l

खुद जैसा  तुम  चाहते, वैसा  दो  तुम मान,                                           स्वत:तुम्हें मिल जायगा, यश ,वैभव, सम्मान l

Wednesday 9 November 2022

                            परछाईं   के पीछे भागो, नहीं  पकड़  में  आये,

उसे छोड़  कर  आगे जाओ, तो  वह  पीछे धाये,

माया, ममता, और तृषा  का  यही हाल है मानो,

उसके प्रति बस मोह छोड़ दो, मन आनन्द समाये l

Tuesday 8 November 2022

 

 भौतिक सुख, सुख मानते, कारण है अज्ञान,

   सच्चा सुख आध्यात्म सुख, अनुभव है जान l

उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास,

नहीं दूर वह आपसे, वह  तो  रहता पास l

    ईश्वर अल्ला  ऐक  है, गीता  पढ़ो कुरान,

   सत्य अहिंसा साथ में, क्षमा,शील अरु दान l

द्वेत और अद्वेत में, फँसा आज संसार,

निराकार ही मान कर, भजो उसे साकार l

     मानो तो वह ऐक है, यह संसार असार,

      ऐसा कुछ होता नहीं, निराकार, साकार l