भौतिक
सुख, सुख मानते, कारण है अज्ञान,
सच्चा सुख आध्यात्म सुख, अनुभव है जान l
उसकी यदि होगी कृपा, होगा तब आभास,
नहीं दूर वह आपसे, वह तो
रहता पास l
ईश्वर अल्ला
ऐक है, गीता पढ़ो कुरान,
सत्य अहिंसा साथ में, क्षमा,शील अरु दान l
द्वेत और अद्वेत में, फँसा आज संसार,
निराकार ही मान कर, भजो उसे साकार l
मानो तो वह ऐक है, यह संसार असार,
ऐसा कुछ होता नहीं, निराकार, साकार l
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