Tuesday, 22 November 2022

 

 बीता कल आता नहीं, आज गया  सो  काल,

 कर लो तुम शुभ काम को,होगे स्वयम निहाल l

आपस  में  दूरी रहे, हो  कोई  मतभेद,

यह सलाह है आपको, रखिये ना मनभेद l

    तन मिटटी का रूप धर,करता दीप प्रकाश,

   बाती  जलती नेह  की, अंधियारा  है दास l

खाएं हरदम बाँट  कर, बोलें  मीठे  बोल,

प्रेम सहित हम नम्र हों, धर्म कमाई तौल l

   नहीं स्तुति से हर्ष हो, नहीं निन्दा से शोक,

   दोनों  में  समभाव हो, वही बड़ा इस लोक l

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