Monday, 28 November 2022

     राम सहायक ही रहें, पवन पुत्र हनुमान,

    हम भी सेवक राम के,गायें प्रभु के गान l

 राम लिखे पत्थर सधे, लिखा गया बस नाम,

 वे जिनके भी हृदय में, रक्षक  रहते  राम l 

   राम नाम जो भी जपे, छोड़े सब छ्लछन्द,

   मिलता  है  सन्तोष धन, रहते वे सानन्द l

राम भक्तिमणि पास यदि,फिर क्यों करता शोक,

बिन  मांगे  फल  पायगा,  सुधरेगा   परलोक l

   राम शरण में जो गया, हुआ वही भव पार,

  शरण राम  की तुम गहो, यदि चाहो उद्धार 

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