Thursday, 24 November 2022

मीठी वाणी  ही  रही, जीवन  में  अनमोल,

 जीत सकेंगे सभी को, सरल सहज मृदु बोल l

स्वार्थ सिद्धि में आपने, अगर किया अनुबन्ध,

तो समझी परिणाम तुम,क्या होंगे सम्बन्ध l

         मन में यदि इच्छा प्रबल, करते रहें प्रयास,

   साहस  बाँधे पाँव  में,  रहे  सफलता दास l

यही नर्क के द्वार  हैं, लोभ, मोह, अरु काम,

विजय पा सका जो कभी, जग में पाया नाम l

  यदि घमण्ड बढ़ता कभी, होता नष्ट विवेक,

  अहंकार बस छोड़ दो, यह सलाह है नेक l

धैर्य, धर्म , निर्भीकता, सभी  बुलाएँ  पास,

त्यागें यदि हम भीरुता, बने परिस्थिति दास l

     यही बात बस प्रमुख है, सबने पढ़े पुराण,

     सुख दुख में समभाव हो,गीता पढो कुरान l

शब्द तौल कर बोलिये, भाषा शिष्ट समान,

मन्त्र मुग्ध संजीवनी, मिले  तुम्हें सम्मान l

   सदाचार के पाठ को, यदि समझाएं आप 

 हिंसा, चोरी, वासना. मानेंगे  सब  पाप l

सत्य, अहिंसा, क्षमा  की, ऐसी छोड़ो छाप,

हत्या या फिर व्यसन भी, बन जायेंगे पाप l

    

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