साधन यदि
हैं श्रेष्ठतम, मुश्किल हटें तमाम,
नैतिकता का बल रहे, ऊँचा
होता नाम |
देने के हित दान
है, लेने के हित ज्ञान,
यही सीख है बड़ों की, त्याग हेतु अभिमान l
सुख उसको
ही मिल सका, रहा कामना मुक्त,
नहीं
सम्पदा श्रेष्ठ है, वैभव
से हो युक्त l
खुद चाहे भूखा
रहे, रखें पड़ोसी
ध्यान,
वही जगत में श्रेष्ठ है, सबसे बढ़ कर दान l
विद्या संग सत्कर्म ही, दिया हुआ ही दान,
छाया सा पीछे चले, सदा बढाता मान,
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