Monday, 21 November 2022

 

 साधन यदि हैं श्रेष्ठतम, मुश्किल हटें तमाम,

   नैतिकता  का  बल रहे, ऊँचा  होता  नाम |  

देने के हित दान  है, लेने  के  हित ज्ञान,

यही सीख है बड़ों की, त्याग हेतु अभिमान l

 सुख उसको ही मिल सका, रहा कामना मुक्त,

 नहीं सम्पदा  श्रेष्ठ  है, वैभव  से  हो  युक्त l

खुद चाहे भूखा  रहे,  रखें  पड़ोसी  ध्यान,

वही जगत में श्रेष्ठ है, सबसे बढ़ कर दान l

    विद्या संग सत्कर्म ही, दिया हुआ ही दान,

    छाया सा पीछे  चले,  सदा  बढाता  मान,

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