Saturday, 12 November 2022

 

कैसे हम आगे बढ़ें, लगी हुई  है होड़,

अपनों को पीछे करें, सब मर्यादा तोड़ l

      झूठ फरेबी सब करें, छोड़ें  शिष्टाचार,

      चापलूस बन कर वही, करते भ्रष्टाचार l

मन्दिर मस्जिद बँट रहे, अपनापन है दूर,

मानवता के नाम पर, सब कुछ चकनाचूर

      छोटी के  आगे बड़ी, खीचें  सही लकीर,

     यों विकास के रंग भरें, सुन्दर हो तस्वीर l

ऐक दूसरे पर  यहाँ, छींटा  कसते रोज,

जनता यों ही देखती, सभी मनाते मौज l

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