Thursday, 10 November 2022

 

खाएं हरदम बाँट  कर, बोलें  मीठे  बोल,

प्रेम सहित हम नम्र हों, धर्म कमाई तौल l

   नहीं स्तुति से हर्ष हो, नहीं निन्दा से शोक,

   दोनों  में  समभाव हो, वही बड़ा इस लोक l

उसकी महिमा,नाम गुण,  देखे सदा चरित्र,

श्रृद्धा पूर्वक  हम  सुनें, ईश्वर  रूप  पवित्र l

    चिन्तन करते रूप का, गाते हम गुण गान,

    सदा स्मरण उसी  का, निकट रहें भगवान l

खुद जैसा  तुम  चाहते, वैसा  दो  तुम मान,                                           स्वत:तुम्हें मिल जायगा, यश ,वैभव, सम्मान l

No comments:

Post a Comment