Tuesday, 12 August 2025

 

कथन नहीं चिन्तन पवित्र हो,

चित्र नहीं, उज्ज्वल चरित्र हो.

चापलूस तो  मिल सकते पर,

सदा साथ  दे, वही  मित्र हो.

 

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