नहीं अर्थ इसका
कुछ होता, मैंने कितना खाया,
सार्थक यह माना
जायेगा, कितना गया पचाया l
यह
महत्व की बात नही है, कितना यहाँ कमाया,
इसका यहाँ महत्व अधिक है, सच में क्या बच
पाया l
महत्व पूर्ण यह नहीं कि जीवन, कितना बीत
गया है,
महत्व पूर्ण यह ही होता है, कैसे जिया गया है l
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