Dr. Hari Mohan Gupta
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Wednesday, 26 February 2020
भाव तो हैं
भाव
तो हैं
किन्तु मेरे पास, वह आव़ाज
तो है
ही
नहीं,
दर्द
तो
है
किन्तु, मेरे पास, नखरे नाज तो
हैं
ही
नहीं |
किस तरह से छाऊँ महफिल में, बता दो तुम मुझे नुस्खा कोई,
गीत तो हैं
किन्तु मेरे पास, स्वर ओर साज तो है
ही
नहीं |
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