Friday, 23 February 2018

आशा फलती उसी की, जिसको है सन्तोष

आशा फलती उसी की, जिसको है सन्तोष, 
सत्प्रयास रत जो रहा, उसका भरता कोष. 
शील प्रमुख संसार में, रक्खें हम सामर्थ, 
शील नष्ट यदि हो गया,जीवन का क्या अर्थ.

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