Dr. Hari Mohan Gupta
Pages
Home
About Me
भजन
दोहा
गीत
ग़ज़ल
इंटरव्यू
मुक्तक
पुस्तकें
Contact Me
Sunday, 25 February 2018
कान दूसरा ना सुने, आँख रहे अनजान
कान दूसरा ना सुने, आँख रहे अनजान,
सब कुछ हो परमार्थ हित, वही श्रेष्ठ है दान.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment