मीठी वाणी बोलिये, दुष्ट पुरुष हों दूर,
क्षमा,शील का व्रत रहे, मद हो जाता चूर.
क्षमा,दया से हीं जो,तो समझो यह दोष,
क्षमा , दया से युक्त जो, भूषण है निर्दोष.
क्षमा,शील का व्रत रहे, मद हो जाता चूर.
क्षमा,दया से हीं जो,तो समझो यह दोष,
क्षमा , दया से युक्त जो, भूषण है निर्दोष.
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