क्रोध, शोक,चिन्ता से बढती है लौलुपता,
तृष्णा या उद्वेग बढाती है कामुकता.
लक्ष्मी, विद्या और प्रतिष्ठा हम पा सकते,
क्षमा ,दया,सन्तोष,ज्ञान से बढती क्षमता.
No comments:
Post a Comment