Friday, 7 September 2018

उपकारी ही धन्य होते हैं.


फल देतें  हैं  सदा सभी को, वृक्ष नहीं कुछ खाते,
धरती   को सिंचित करते ही,बादल फिर उड़ जाते l
प्यास बुझाती प्यासे की ही, सरिता लब जल पीती,
पर  उपकारी  जो  होते  हैं, धन्य  वही  हो पाते l

No comments:

Post a Comment