Dr. Hari Mohan Gupta
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Friday, 7 September 2018
उपकारी ही धन्य होते हैं.
फल देतें
हैं
सदा सभी को, वृक्ष नहीं कुछ खाते,
धरती
को सिंचित करते ही,बादल फिर उड़ जाते l
प्यास बुझाती प्यासे की ही, सरिता लब जल पीती,
पर
उपकारी
जो
होते
हैं, धन्य
वही
हो पाते l
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