Dr. Hari Mohan Gupta
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Tuesday, 18 September 2018
करें हम जागरण
जब कभी भी यदि बिगड़ते आचरण,
स्वार्थ लिप्सा का तने यदि आवरण l
तो
आज
मानव धर्म
समझाएं उसे,
दायित्व है अपना, करें हम जागरण l
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