इन्द्रिय सुख में तृप्ति,वासना, यह जिनका जीवन है,
सुरा पान कर मौज उडाओ, यह संसार चमन है |
वे कलंक हैं इस धरती के, पशु समान ही वे हैं, अपने को जीतो, सच्चा सुख मिलता यही कथन है |
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