हिन्दी में कुछ विरोधाभाषी
मुहावरे भी देखने को मिल जाते हैं, तो पाठक को परेशानी होती है कि हम क्या
करें,मैनें कुछ उदाहरण यहाँ प्रस्तुत किये हैं , आपसे आग्रह है कि इस प्रकार के
उदाहरण आपको देखने को मिलें तो मुझे अवश्य
सूचित कर दें | यह शोध का विषय है, विश्वास है आप मुझे सहयोग करेंगे |
मैंने इन्हें
मुक्तक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है,
“एक चना क्या भाड़ फोड़ता”,
यही युक्ति सबसे है न्यारी,
और तभी तुम यह कह देते, “एक अकेला सब पर भारी”|
पहिले
सोचो, समझो उसको,
फिर कोई निर्देश
हमें दो,
सदा अनुशरण हम करते हैं, , बात नहीं हो कभी दुधारी |
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